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हिमाचल : पत्रकार अंजना ओम कश्यप के खिलाफ SC ST एक्ट में FIR दर्ज, जाना होगा जेल, जानें क्यों

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
शिमला, 20 अक्टूबर। शिमला में एक प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल की एंकर अंजना ओम कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। उन पर वाल्मीकि समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा है। यह शिकायत बाबा साहेब आंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष प्रीतपाल मट्टू ने दर्ज कराई है। शिकायत में एंकर पर महर्षि वाल्मीकि के खिलाफ अनुचित टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया है। घटना आठ अक्टूबर को सोशल मीडिया पर साझा एक वीडियो से जुड़ी है।

शिकायतकर्ता प्रीतपाल मट्टू ने बताया कि आठ अक्टूबर को उन्हें सोशल मीडिया पर एक वीडियो मिला। इस वीडियो में एंकर अंजना ओम कश्यप ने महर्षि वाल्मीकि के बारे में कथित टिप्पणियां की थीं। इन टिप्पणियों से वाल्मीकि समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। वीडियो सामने आने के बाद समुदाय के लोगों ने पुलिस से शिकायत की। शिकायत में एंकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। पुलिस ने शिकायत की सत्यता जांचने के बाद मामला दर्ज किया है। अब इस मामले में कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

पुलिस ने एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराएं भी लगाई गई हैं। एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज होने से अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल में इस पर रोक लगाई थी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भी रोहड़ू हत्याकांड मामले में अग्रिम जमानत देने से मना किया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एससी/एसटी एक्ट में अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए इस मामले में अग्रिम जमानत की संभावना नहीं है।

यह पूरा मामला सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया है। वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुआ था। लोगों ने इस वीडियो को देखकर अपनी प्रतिक्रिया दी। समुदाय के लोगों ने इसकी शिकायत दर्ज कराई। सोशल मीडिया पर अब इस मामले को लेकर चर्चा हो रही है। लोग अलग-अलग राय व्यक्त कर रहे हैं। कुछ लोग एंकर के समर्थन में हैं तो कुछ लोग कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने हाल में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया था। उन्होंने एससी/एसटी एक्ट के मामलों में अग्रिम जमानत पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने धारा 18 के तहत गिरफ्तारी को उचित ठहराया था। इस फैसले का इस मामले पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भी रोहड़ू मामले में अग्रिम जमानत से इनकार किया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इन निर्णयों के कारण इस मामले में अग्रिम जमानत मिलना मुश्किल होगा।

वाल्मीकि समुदाय के लोग इस घटना से आहत हैं। उनका कहना है कि धार्मिक नेताओं के बारे में अनुचित टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है। समुदाय ने पुलिस कार्रवाई का स्वागत किया है। उन्हें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा। समाज के विभिन्न वर्गों से लोग इस मामले पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सभी की नजर अब अदालत की कार्रवाई पर है। लोग चाहते हैं कि कानून अपना काम करे और न्याय सुनिश्चित हो। समुदाय शांतिपूर्ण तरीके से न्याय की मांग कर रहा है।

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