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शिमला, 12 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश में डिजिटल गवर्नेंस अभियान सरकार की बड़ी सफलता साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सार्वजनिक सेवाओं के डिजिटलीकरण को नई गति मिली है। ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से वर्ष 2024 में रिकॉर्ड 22.78 लाख सेवाएं नागरिकों को ऑनलाइन उपलब्ध करवाई गईं, जो डिजिटल हिमाचल की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
वर्ष 2023 में पोर्टल के जरिए लगभग 14.97 लाख सेवाएं प्रदान की गई थीं, जबकि वर्ष 2025 में अब तक यह संख्या 15 लाख के पार पहुंच चुकी है। आगामी महीनों में इसमें और वृद्धि का अनुमान है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत प्रदेश के सभी विभाग ऑनलाइन सेवा वितरण प्रणाली को तेजी से अपना रहे हैं।
ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर उपलब्ध सेवाओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 में जहां केवल 113 सेवाएं उपलब्ध थीं, वहीं वर्ष 2025 में यह संख्या बढ़कर 436 हो गई है। वर्तमान सरकार के कार्यभार संभालने के बाद ऑनलाइन सेवाओं में चार गुना वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में 217 और वर्ष 2024 में 251 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध थीं।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (आईटी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल ने बताया कि डिजिटल सेवाओं के विस्तार से नागरिकों की सरकारी सुविधाओं तक पहुंच आसान हुई है। अब कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थान से, किसी भी समय आवेदन कर सकता है। इससे समय और धन दोनों की बचत हो रही है। प्रदेशभर में लोक मित्र केंद्रों के माध्यम से ये सेवाएं लोगों को आसानी से उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सभी विभागों को **कागज, उपस्थिति और नकदी रहित व्यवस्था** अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। राजस्व विभाग ने कुछ तहसीलों में एक पायलट परियोजना शुरू की है, जिसके तहत अब लोग बिना कार्यालय जाए संपत्ति का पंजीकरण ऑनलाइन करवा सकते हैं। सरकार की इस पहल को जनता की ओर से बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल गवर्नेंस अभियान राज्य के लोगों को सुलभ, पारदर्शी और कुशल प्रशासन प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने सभी विभागों से इसी प्रकार के डिजिटल नवाचारों का विस्तार करने की अपील की, ताकि हिमाचल को पूर्ण रूप से “स्मार्ट गवर्नेंस” की ओर अग्रसर किया जा सके।
