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हिमाचल: स्कूल से छुट्टी के बाद मोमोज खाने पहुंचे बच्चे, मोमोज से निकली तार, गुणवत्ता और सुरक्षा पर उठे सवाल

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चंबा, 30 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश की दुर्गम और खूबसूरत पांगी घाटी में एक चौंकाने वाली घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है। स्कूल की छुट्टी के बाद मालरोड इलाके में मोमोज खाने गए कुछ बच्चों की मौज-मस्ती अचानक डर और घबराहट में बदल गई।

जब एक बच्चे के मुंह में लोहे का पतला तार निकल आया। इस घटना ने न केवल बच्चों को दहशत में डाल दिया बल्कि पूरे क्षेत्र में फास्ट फूड की गुणवत्ता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्कूल की छुट्टी के बाद रोज की तरह कुछ बच्चे मालरोड पर स्थित एक ठेले से मोमोज खरीदकर खा रहे थे। तभी एक बच्चे ने जैसे ही एक मोमोज का टुकड़ा मुंह में रखा, उसे कुछ कठोर चीज़ महसूस हुई। जब उसने थूककर देखा, तो उसमें लोहे का पतला लेकिन नुकीला तार था।

बच्चे के शोर मचाने पर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। गुस्से और चिंता के माहौल में स्थानीय लोगों ने तुरंत स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को सूचना दी। घटना के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। पांगी जैसे दूरस्थ क्षेत्र में आने वाले खाद्य पदार्थों की क्वालिटी अक्सर संदिग्ध रहती है, लेकिन निरीक्षण और निगरानी का कोई ठोस तंत्र मौजूद नहीं है।

स्थानीय दुकानदारों और फूड स्टाल्स पर बिकने वाले बर्गर, मोमोज, नूडल्स और अन्य पैक्ड फूड आइटम अक्सर बिना किसी फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट या हेल्थ इंस्पेक्शन के ही बेचे जाते हैं। लोगों का आरोप है कि फूड इंस्पेक्टर की स्थायी नियुक्ति न होने के कारण इस तरह के गैर-मानक खाद्य पदार्थों की कोई जांच नहीं हो पाती और ये घटनाएं बार-बार दोहराई जा रही हैं।

अभिभावकों ने प्रशासन से कड़े शब्दों में कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि हमारे बच्चे स्कूल के बाद यही मोमोज या बर्गर खाते हैं, क्योंकि इलाके में यही फास्ट फूड विकल्प हैं। अगर इनमें इस तरह का खतरनाक सामान निकलेगा, तो यह सीधा बच्चों की जान से खिलवाड़ है।

इस मामले में कार्यकारी BMO डॉ. विशाल शर्मा ने कहा कि जैसे ही एसडीएम कार्यालय से औपचारिक निर्देश मिलेंगे, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। समिति सभी प्रमुख खाद्य विक्रेताओं और स्टालों से सैंपल लेकर प्रयोगशाला में जांच करवाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी विक्रेता के खिलाफ लापरवाही या मिलावट के प्रमाण मिलते हैं, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोग चाहते हैं कि पांगी में जल्द से जल्द स्थायी फूड इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जाए और क्षेत्र में नियमित खाद्य गुणवत्ता अभियान चलाया जाए। इसके साथ ही, स्कूलों और पंचायतों के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन के प्रति जागरूक करने की भी मांग उठी है।

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