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बिलासपुर, 30 अक्टूबर। जिला मुख्यालय के रौड़ा सेक्टर में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। पिछले 15 दिनों में वार्ड नंबर 1 और 2 से डेंगू के 16 मामले सामने आए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने बुधवार को रौड़ा सेक्टर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि दत्त शर्मा, एसडीएम सदर राजदीप सिंह सहित अन्य अधिकारी और चिकित्सक मौजूद रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जानकारी दी कि पिछले कुछ दिनों में डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी गई थी, हालांकि बीते दो दिनों में केवल एक नया मामला दर्ज हुआ है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग नगर परिषद के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों में नियमित रूप से फॉगिंग और स्रोत नियंत्रण का कार्य कर रहा है।
उपायुक्त राहुल कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रभावित इलाकों में टीमों को घर–घर जाकर लोगों से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी जुटाने और डेंगू से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने नगर परिषद को भी सख्ती से निर्देशित किया कि जिन स्थानों पर लापरवाही पाई जाए, वहां चालान की कार्रवाई की जाए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
डीसी ने लोगों से अपील की कि अपने घरों और आसपास पानी जमा न होने दें, पानी की टंकियों को ढककर रखें, और बेकार पड़े टायर, गमलों या बर्तनों में पानी एकत्रित न होने दें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि दत्त शर्मा ने बताया कि डेंगू के सामान्य लक्षणों में अचानक तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी, और शरीर पर लाल चकत्ते शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं।
उन्होंने बताया कि डेंगू का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। मरीजों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ, ओआरएस और नारियल पानी पीना चाहिए, और बुखार या दर्द के लिए केवल पैरासिटामोल का ही उपयोग करना चाहिए। एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी दवाओं से बचना चाहिए, क्योंकि ये रक्तस्राव का खतरा बढ़ा सकती हैं।
सीएमओ ने कहा कि बुखार उतरने के बाद भी यदि व्यक्ति को अस्वस्थता, पेट दर्द, लगातार उल्टी या नाक-मसूड़ों से खून आने की शिकायत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि डेंगू के लक्षणों को हल्के में न लें और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए संक्रमण को फैलने से रोकने में सहयोग करें।
