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शिमला, 02 अक्टूबर। त्योहारी मौसम के बीच हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस पार्टी ने देशभर की तर्ज पर प्रदेश में भी "वोट चोर, गद्दी छोड़" हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत कर दी है।
अभियान को मजबूती देने के लिए कांग्रेस की हिमाचल प्रभारी रजनी पाटिल ने बुधवार को संगठनात्मक जिम्मेदारियों का बंटवारा किया। प्रदेश स्तर पर इस अभियान की कमान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को सौंपी गई है, जबकि सह-संयोजक की जिम्मेदारी ठियोग विधायक कुलदीप राठौर को दी गई है।
जिलों में बंटी जिम्मेदारी
अभियान को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए 12 जिलों के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। इनमें
लाहौल-स्पीति – विधायक अनुराधा राणा
किन्नौर – मंत्री जगत सिंह नेगी
शिमला – विधायक हरीश जनार्था
सोलन – विधायक विनोद सुल्तानपुरी
ऊना – विधायक विवेक शर्मा
हमीरपुर – विधायक सुरेश कुमार
कांगड़ा – विधायक किशोरी लाल
चंबा – विधायक नीरज नायर
मंडी – विधायक चंद्रशेखर
कुल्लू – भुवनेश्वर गौड़
बिलासपुर – मंत्री राजेश धर्मानी
सिरमौर – विधायक अजय सोलंकी
अभियान का उद्देश्य
कांग्रेस का कहना है कि यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि जनता की आवाज़ को दर्ज करने का प्रयास है। हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि देश की जनता "वोट की चोरी" और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगी।
कांग्रेस की रणनीति
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस अभियान के जरिये कांग्रेस एक तरफ भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर अपने संगठन को भी सक्रिय करने की रणनीति बना रही है। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद डेढ़ साल से अधिक का समय बीत चुका है और अब पार्टी संगठन को फिर से मजबूत करने पर फोकस कर रही है।
अभियान के तहत कार्यकर्ता गांव-गांव और शहर-शहर जाकर हस्ताक्षर एकत्र करेंगे, जिन्हें बाद में राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी नेतृत्व को सौंपा जाएगा।
