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बिलासपुर, 9 अक्तूबर। झंडूता तहसील के अंतर्गत भल्लू पुल के समीप हुई दर्दनाक बस दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए प्रशासन ने कदम उठा लिया है। उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने बताया कि एडीसी बिलासपुर की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई है। इस समिति में स्थानीय एसडीएम, डीएसपी, लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता तथा आरटीओ को सदस्य नामित किया गया है। समिति को 10 दिन के भीतर हादसे के कारणों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि प्रभावित परिवारों को 25-25 हजार रुपये की फौरी राहत राशि प्रदान की जा चुकी है, जबकि 4 लाख रुपये की राहत राशि संबंधित मामलों की प्रक्रिया पूरी कर एक सप्ताह के भीतर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि 7 अक्तूबर की शाम करीब साढ़े 6 बजे हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। लगभग 100 सदस्यों की संयुक्त टीम को राहत एवं बचाव कार्य के लिए घटनास्थल पर रवाना किया गया। इस टीम में एनडीआरएफ, होमगार्ड, क्यूआरटी, पुलिस, लोक निर्माण विभाग और प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे। अतिरिक्त उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
पहले दिन के बचाव अभियान के दौरान 15 शव बरामद किए गए और 2 बच्चों को सुरक्षित निकाला गया। एक अन्य लापता बच्चे की तलाश रात भर जारी रही और अगले दिन सुबह साढ़े 6 बजे पुनः अभियान शुरू कर दो घंटे बाद बच्चे का शव बरामद किया गया।
इस भीषण हादसे में कुल 16 लोगों की मौत हुई, जबकि 2 बच्चे सुरक्षित बचाए गए जिन्हें उपचार के बाद एम्स बिलासपुर से घर भेज दिया गया। सभी मृतकों का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिए गए।
राहुल कुमार ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान किसी संभावित लापता व्यक्ति की जानकारी के लिए मीडिया, सोशल मीडिया और वीडियो संदेशों के माध्यम से सूचना प्रसारित की गई, लेकिन कोई अतिरिक्त जानकारी प्राप्त नहीं हुई। इसलिए 8 अक्तूबर की दोपहर बाद सर्च ऑपरेशन समाप्त कर दिया गया।
उन्होंने पुष्टि की कि बस में कुल 18 यात्री सवार थे, जिनमें से 16 की मौत हो गई और दो बच्चे सुरक्षित हैं। मृतकों में 9 पुरुष, 4 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। यह निजी बस (नंबर HP 69-5761) मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही थी, जो भल्लू पुल के समीप भूस्खलन की चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
