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शिमला, 28 सितंबर। रोहड़ू उपमंडल के लिवाड़ी गांव में हुई दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। जानकारी के अनुसार, एक मासूम बच्चे की मौत जातिगत भेदभाव के कारण हुई।
पीड़ित परिवार की महिला ने बताया कि गांव के एक व्यक्ति ने उसके छोटे बेटे को पशुशाला में जाने से रोक दिया और जातिगत अपमानजनक शब्द कहे। इससे बच्चा मानसिक रूप से इतना आहत हुआ कि उसने घर लौटकर आत्महत्या कर ली।
घटना के बाद पूरे गांव और समाज में आक्रोश फैल गया। परिजनों ने रोहड़ू अस्पताल में बच्चे का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को अंतिम संस्कार कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि आरोपी परिवार लंबे समय से उन्हें जातिगत आधार पर ताने मार रहा था। यहां तक कि मासूम बच्चे को भी अपमानित किया जाता था।
इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। थाना रोहड़ू पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
समाज के लोगों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है। उनका कहना है कि अगर समय रहते ऐसे मामलों पर अंकुश न लगाया गया तो समाज में जातिगत भेदभाव और बढ़ेगा।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर जातिवाद की कड़वी सच्चाई को उजागर कर दिया है, जहां मासूम भी इसकी भेंट चढ़ रहे हैं।