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नेशनल डेस्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जाता है। उन्होंने दावा किया कि अगर ट्रंप ने हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो इसके परिणाम बेहद विनाशकारी हो सकते थे। शरीफ़ ने यहां तक कहा कि ट्रंप इस भूमिका के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं।
शरीफ़ ने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी पूर्वी सीमा पर भारत के उकसावे का जवाब दिया था और पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच की पेशकश भी की थी। उन्होंने भारत पर इस घटना का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान हर विवाद को बातचीत और वार्ता के माध्यम से हल करना चाहता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने भारत के साथ युद्ध जीत लिया है, अब हम शांति चाहते हैं। पाकिस्तान सभी लंबित मुद्दों पर व्यापक और कारगर वार्ता करने के लिए तैयार है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान बाहरी आक्रमण से पूरी तरह अपनी रक्षा करेगा और उसकी विदेश नीति आपसी सम्मान व सहयोग पर आधारित है।
भारत का जवाब
भारत ने लगातार इस दावे को खारिज किया है कि भारत-पाक संघर्ष रोकने में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका रही है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि कई सालों से राष्ट्रीय सहमति रही है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे आपसी यानी द्विपक्षीय हैं।
भारत का यह भी कहना है कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी शिविरों को नष्ट किया था और 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया था।