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शिमला, 10 सितंबर। हिमाचल प्रदेश सरकार ने जमाबंदी की प्रतियां प्राप्त करने के शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। राजस्व विभाग की ओर से 5 सितंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार अब लोक मित्र केंद्रों से जमाबंदी की प्रति लेने पर लोगों को पहले के मुकाबले दोगुना शुल्क देना होगा। पहले जहां 10 रुपये प्रति पृष्ठ वसूले जाते थे, अब यह शुल्क 20 रुपये प्रति पृष्ठ कर दिया गया है।
ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से जमाबंदी की प्रति प्राप्त करने के लिए प्रति आवेदन 50 रुपये (जीएसटी सहित) तय किए गए हैं। यह शुल्क केवल एक खाता नंबर के लिए लागू होगा। यदि किसी आवेदक को एक से अधिक खाता नंबर की प्रतियां चाहिए तो प्रत्येक के लिए अलग-अलग आवेदन कर शुल्क अदा करना होगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस शुल्क में से 10 रुपये प्रति पृष्ठ सीधे भूमि अभिलेख निदेशक के खाते में जमा होंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व कमलेश कुमार पंत की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जमाबंदी प्रतियों से वसूले गए सेवा शुल्क का इस्तेमाल पटवारखाना, कानूनगो कार्यालय, तहसील कार्यालय और अन्य राजस्व संस्थानों के आईटी ढांचे को सुदृढ़ करने में किया जाएगा। सरकार का तर्क है कि इससे जमीन रिकॉर्ड से संबंधित कामकाज में पारदर्शिता और तेजी आएगी।
जमाबंदी की प्रति भूमि की खरीद-फरोख्त, ऋण, उत्तराधिकार प्रमाणित करने और कानूनी दस्तावेजों में अनिवार्य होती है। अब तक जहां इसके लिए 10 रुपये प्रति पृष्ठ शुल्क लिया जाता था, वहीं अब लोगों को 20 रुपये प्रति पृष्ठ चुकाने होंगे।
गांव तक डिजिटल सेवा पहुंचाने का प्रयास
राजस्व विभाग के अनुसार सरकार ने लोक मित्र केंद्रों पर जमाबंदी उपलब्ध करवाने की सुविधा इसलिए शुरू की है ताकि लोगों को पटवारखानों और तहसील दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। इस कदम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाना और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। ऑनलाइन रिकॉर्ड उपलब्ध होने से किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना भी खत्म हो जाएगी।
