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शिमला, 24 सितंबर। हिमाचल प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल और महिला अधिकारी के बीचे हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले को लेकर राजधानी शिमला का महिला थाना BCS इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
कांस्टेबल-SHO के मामले ने पकड़ा तूल
यहां एक कांस्टेबल और थाना प्रभारी (SHO) के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मुकदमा दर्ज करवा दिया। मामला 17 सितंबर की रात का है और अब यह आंतरिक जांच तक पहुंच गया है।
कांस्टेबल ने SHO पर जड़े आरोप
पुलिस लाइन कैथू में तैनात कांस्टेबल राजीव कुमार ने न्यू शिमला थाना में दी शिकायत में कहा है कि वह 17 सितंबर की रात करीब 10 बजे किसी मामले में फरियाद लेकर महिला थाना BCS गया था। आरोप है कि इस दौरान महिला थाना प्रभारी ने उसके साथ मारपीट की और उसे चोटें पहुंचाईं।
थाने में बुरी तरह पीटा
कांस्टेबल ने यह भी दावा किया है कि मौके पर मौजूद एक होमगार्ड जवान ने भी उसके साथ धक्का-मुक्की और हाथापाई की। शिकायत के आधार पर न्यू शिमला थाना पुलिस ने महिला थाना प्रभारी और संबंधित होमगार्ड पर धारा 126(2), 115(2) और 3(5) BNS के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस मामले की जांच न्यू शिमला थाना प्रभारी को सौंपी गई है।
SHO का पलटवार: अभद्रता और धमकी
वहीं दूसरी ओर, महिला थाना प्रभारी ने भी कांस्टेबल राजीव कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। उनके मुताबिक, उसी रात लगभग 12 बजे कांस्टेबल थाना परिसर के बाहर जोर-जोर से अश्लील भाषा का प्रयोग कर रहा था।
स्टार उतारने की दी धमकी
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जब SHO बाहर आईं तो कांस्टेबल ने उनका हाथ पकड़ लिया, अपशब्द कहे और यहां तक धमकी दी कि वह उनके “स्टार उतार देगा”। इस पर न्यू शिमला थाना में कांस्टेबल के खिलाफ धारा 74, 35(2) और 352 BNS के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मामले में क्रॉस FIR दर्ज
इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए SP शिमला ने ASP की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित कर दी है। समिति दोनों पक्षों के बयानों और सबूतों के आधार पर तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट करेगी। दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में पहले FIR महिला थाना प्रभारी की शिकायत पर दर्ज हुई थी। लेकिन जब मामला तूल पकड़ गया तो कांस्टेबल की शिकायत पर भी पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। अब दोनों ही पक्ष आमने-सामने हैं और जांच का परिणाम आने तक स्थिति पूरी तरह उलझी हुई है।
जांच में जुटी पुलिस टीम
मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस पूरे मामले में निष्पक्ष कार्रवाई होगी और तथ्यों को सामने लाया जाएगा। पुलिस महकमे के भीतर इस तरह का मामला सामने आने से न केवल जवानों का मनोबल प्रभावित हो रहा है, बल्कि शिमला पुलिस की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं।