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शिमला, 25 सितंबर। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ऊना के एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान को अंतरिम अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की अदालत ने इस मामले में सरकार को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट दायर करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने कहा कि प्राथमिकी में लगाए गए आरोप गंभीर हैं। आरोपों के अनुसार याचिकाकर्ता ने 10 अगस्त को पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के रोने पर उसने शादी का वादा किया। 20 अगस्त को उसने पीड़िता को विश्राम गृह में बुलाया और फिर दुष्कर्म किया। आरोप है कि उसने घटना का वीडियो बनाया और वायरल की धमकी दी।
पीड़िता के आरोपों पर अदालत की राय
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि पीड़िता के आरोपों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। अदालत ने सर्वोच्च न्यायालय के एक महत्वपूर्ण निर्णय का हवाला दिया। इस निर्णय में कहा गया था कि बलात्कार के मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत देना उचित नहीं है। कोर्ट ने माना कि अग्रिम जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला सोशल मीडिया पर बातचीत से शुरू हुआ। पीड़िता ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने उसे पहले अपने कार्यालय में बुलाया। इसके बाद कोर्ट चैम्बर में उसके साथ जबरन संबंध बनाए। 10 अगस्त को सरकारी रेस्ट हाउस में फिर से दुष्कर्म की घटना हुई। पीड़िता ने धमकी मिलने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पुलिस जांच रिपोर्ट अदालत में दायर करेगी। आरोपी एसडीएम की ओर से दायर याचिका पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। इस बीच आरोपी की गिरफ्तारी की कार्यवाही पर भी नजर रहेगी। पुलिस मामले की तहकीकात जारी रखे हुई है।