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शिमला, 12 सितम्बर। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कांगड़ा सैंट्रल को-ऑप्रेटिव बैंक (केसीसी बैंक) के निदेशक मंडल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। राज्य सहकारी सोसायटी रजिस्ट्रार दोर्जे छेरिंग ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही सभी सदस्यों को पद से हटाने और भविष्य में किसी सहकारी समिति के चुनाव में भाग लेने से अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार यह कदम बैंक में लंबे समय से चली आ रही वित्तीय अनियमितताओं और प्रबंधन की लापरवाहियों के चलते उठाया गया है। नाबार्ड द्वारा 2015-16 से लगातार निरीक्षणों में बैंक की गंभीर कमियां सामने आई थीं। खासकर वर्ष 2022, 2023 और 2024 की रिपोर्टों में एनपीए बढ़ने, अवैध ऋण वितरण, कमजोर आंतरिक नियंत्रण और वित्तीय नियमों की अवहेलना को उजागर किया गया था।
रजिस्ट्रार ने कांगड़ा के डिवीजनल कमिश्नर को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है। बोर्ड को 10 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया देने के आदेश दिए गए हैं। तय समय में जवाब न मिलने की स्थिति में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
इसी बीच सहकारिता विभाग ने केसीसी बैंक निदेशक मंडल के चुनाव भी स्थगित कर दिए हैं। ये चुनाव सितम्बर के अंत में प्रस्तावित थे। विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बैंक का कार्यक्षेत्र कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जैसे आपदा प्रभावित जिलों में फैला हुआ है। मौजूदा परिस्थितियों में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू रूप से पूरा करना संभव नहीं है।
केसीसी बैंक के जीएम राकेश शर्मा ने पुष्टि करते हुए कहा कि निदेशालय से चुनाव स्थगित करने के आदेश प्राप्त हो गए हैं। बैंक में प्रशासक के तौर पर डिवीजनल कमिश्नर कार्यभार संभालेंगे।
