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सड़कों पर उतरे Gen-Z प्रदर्शनकारी, भाजपा कार्यालय को लगाई आग; पुलिस से भी हुई झड़प

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
लेह, 24 सितंबर। लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बुधवार को बड़ा हिंसक प्रदर्शन हुआ। सैकड़ों युवा प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। उन्होंने लेह स्थित भाजपा कार्यालय पर हमला किया और उसमें आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने सीआरपीएफ के एक वाहन को भी नुकसान पहुंचाया। पुलिस के साथ हुई झड़प में आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज का सहारा लिया गया।

यह प्रदर्शन सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में आयोजित किया गया था। वांगचुक पिछले दो सप्ताह से अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने लद्दाख की जनता की मांगों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। इसी निराशा और गुस्से ने हिंसक रूप ले लिया। लद्दाख में इस तरह का यह पहला बड़ा हिंसक प्रदर्शन है।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। लाठीचार्ज भी किया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस ने घटनास्थल पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है।

लद्दाख के लोग लंबे समय से अपनी जमीन, संस्कृति और संसाधनों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष प्रावधान भी मांगे जा रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। स्थानीय संगठनों का मानना है कि इससे उनके अधिकार कम हो गए हैं।

सोनम वांगचुक के अनशन ने इस आंदोलन को नई ऊर्जा दी है। उनकी मांग है कि सरकार लद्दाख के लोगों की चिंताओं को गंभीरता से सुने। वे पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय नौकरियों की गारंटी चाहते हैं। वांगचुक का कहना है कि क्षेत्र के संसाधनों पर स्थानीय लोगों का अधिकार सुनिश्चित होना चाहिए। उनका अनशन लद्दाख की जनता के बीच काफी लोकप्रिय है।

हिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया है। सरकार ने लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के लिए बैठक बुलाई है। यह बैठक छह अक्टूबर को प्रस्तावित है। इस बैठक में सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा होगी। स्थानीय नेता इस बैठक को एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे एक ठोस समाधान निकलेगा।

भाजपा कार्यालय में आग लगाए जाने की घटना की सभी राजनीतिक दलों ने निंदा की है। स्थानीय प्रशासन ने शहर में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाए हैं। अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी समस्या का समाधान नहीं निकलता। सरकार बातचीत के माध्यम से सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।

लेह में अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। पुलिस ने शहर में पैट्रोलिंग बढ़ा दी है। प्रशासन ने कर्फ्यू लगाने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। आने वाले दिनों में सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत पर सभी की नजर टिकी हुई है।

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