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शिमला और दिल्ली में ईडी की बड़ी कार्रवाई, 80 करोड़ की अघोषित संपत्तियां उजागर, यहां जानें

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शिमला, 22 सितंबर। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) 1999 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 80 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्तियों का खुलासा किया है। यह छापेमारी दिल्ली स्थित इम्पीरियल ग्रुप और उससे जुड़े प्रमुख व्यक्तियों मानविंदर सिंह व उनकी पत्नी सागरी सिंह के ठिकानों पर की गई। दोनों शिमला के नालदेहरा में चल रहे एक बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ऑरमह वैली से जुड़े हुए हैं।

नालदेहरा में हजार फ्लैटों का प्रोजेक्ट

ईडी की जांच में सामने आया कि इम्पीरियल ग्रुप द्वारा नालदेहरा में करीब 100 एकड़ जमीन पर एक हजार से अधिक फ्लैट बनाए जा रहे हैं। इन फ्लैटों के लिए लगभग 29 करोड़ रुपये नकद में लिए गए थे, जिन्हें हवाला नेटवर्क के जरिए विदेश भेजा गया। बाद में इन्हीं पैसों से विदेशों में संपत्तियां खरीदी गईं और कुछ रकम दूसरे माध्यमों से भारत वापस लाई गई।

विदेशों में कंपनियां और संपत्तियां

जांच में पता चला कि मानविंदर और सागरी सिंह ने सिंगापुर, दुबई, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और थाईलैंड में कई कंपनियां, संपत्तियां और बैंक खाते बेनामी तरीके से संचालित किए हैं। इनमें एरोस्टार वेंचर पीटीई लिमिटेड (सिंगापुर) और यूनाइटेड एरोस्पेस डी डब्ल्यू सी एलएलसी (दुबई) शामिल हैं। इन कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन, असुरक्षित ऋण और बेहिसाब वेतन भुगतान सामने आए हैं।

हेलिकॉप्टर की खरीद पर भी संदेह

ईडी ने खुलासा किया कि दुबई की एक कंपनी ने मई 2025 में करीब 7 करोड़ रुपये की लागत से रॉबिन्सन 66 हेलिकॉप्टर खरीदा। यह हेलिकॉप्टर ऑरमह वैली प्रोजेक्ट के लिए भारत लाया गया। इसकी खरीद के लिए कथित तौर पर हांगकांग की एक अज्ञात कंपनी से बिना किसी गारंटी के ऋण लिया गया था।

नकदी और विदेशी मुद्रा जब्त

तलाशी के दौरान ईडी ने दिल्ली और शिमला स्थित ठिकानों से करीब 50 लाख रुपये नकद (जिनमें पुराने 500 रुपये के नोट भी शामिल हैं) और 14,700 अमेरिकी डॉलर बरामद किए। इसके अलावा कई डिजिटल डिवाइस, विदेशी संपत्तियों से जुड़े रिकॉर्ड, बैंक खातों की पासबुक और आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए। तीन बैंक लॉकरों को सील कर दिया गया है।

गहन जांच जारी

ईडी ने मानविंदर सिंह, सागरी सिंह और अन्य संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए हैं। एजेंसी फिलहाल डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्यों की गहन जांच कर रही है। शुरुआती जांच में सामने आए सबूत गंभीर बताए जा रहे हैं।

आने वाले दिनों में बड़े खुलासे संभव

ईडी अधिकारियों का कहना है कि यह छापेमारी महज शुरुआत है। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां व बड़े खुलासे हो सकते हैं। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई रियल एस्टेट सेक्टर में काले धन, हवाला नेटवर्क और विदेशी निवेश के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को उजागर करने की दिशा में एक अहम कदम है।

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