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Banks Minimum Balance Rules: ICICI बैंक ने शहरी क्षेत्रों में बचत खातों के लिए न्यूनतम बैलेंस की सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है। इस राशि से कम बैलेंस होने पर ग्राहकों को जुर्माना देना होगा। इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साफ किया है कि मिनिमम बैलेंस तय करने का अधिकार पूरी तरह बैंकों के पास है और इस पर RBI का कोई नियंत्रण नहीं है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मिनिमम बैलेंस की आवश्यकता को नियंत्रित करना RBI के दायरे में नहीं आता। उन्होंने बताया, “बैंकों को अपनी व्यावसायिक जरूरतों के आधार पर मिनिमम बैलेंस तय करने की छूट है। कुछ बैंक 10,000 रुपये, तो कुछ 2,000 रुपये की सीमा रखते हैं।” यह बयान सुनकर ग्राहकों को झटका लग सकता है, क्योंकि बैंकों को अपनी नीतियां स्वतंत्र रूप से तय करने की आजादी है।
Banks Minimum Balance Rules: ICICI बैंक में 1 अगस्त 2025 से नए नियम लागू
ICICI बैंक ने 1 अगस्त 2025 से नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में बचत खाते के लिए औसत न्यूनतम बैलेंस 50,000 रुपये रखना होगा, जो पहले 10,000 रुपये था। अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यह सीमा 25,000 रुपये (पहले 5,000 रुपये) और ग्रामीण क्षेत्रों में 10,000 रुपये (पहले 2,500 रुपये) निर्धारित की गई है।
यदि ग्राहक निर्धारित मिनिमम बैलेंस नहीं रख पाते, तो उनसे 6% शेष राशि या 500 रुपये (जो भी कम हो) जुर्माने के रूप में वसूला जाएगा। हालांकि, जो ग्राहक इस सीमा को पूरा करेंगे, उन्हें यह शुल्क नहीं देना होगा। फैमिली बैंकिंग के मामले में, परिवार को सामूहिक रूप से पात्रता मानदंडों का 1.5 गुना बैलेंस बनाए रखना होगा, वरना प्रत्येक सदस्य पर व्यक्तिगत रूप से जुर्माना लगेगा। पेंशनभोगियों को इस शुल्क से छूट दी गई है।
गौरतलब है कि ICICI बैंक ने 1 अगस्त 2025 या उसके बाद खोले गए नए बचत खातों के लिए मासिक औसत न्यूनतम बैलेंस (MAB) में पांच गुना वृद्धि की है। अब मेट्रो और शहरी शाखाओं में बचत खाते के लिए हर महीने कम से कम 50,000 रुपये का बैलेंस बनाए रखना होगा। अर्ध-शहरी शाखाओं में यह सीमा 25,000 रुपये और ग्रामीण शाखाओं में 10,000 रुपये निर्धारित की गई है। यदि कोई ग्राहक मासिक औसत बैलेंस बनाए रखने में विफल रहते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।