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ड्रग केस में सबूत मिटाने और छेड़छाड़ करने पर थाना प्रभारी और मुंशी लाइन हाजिर, जानें पूरा मामला

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न्यूज अपडेट्स 
ऊना, 11 अगस्त। लगभग 2 वर्ष पहले गगरेट थाना क्षेत्र में सामने आए ड्रग केस ने अब पुलिस महकमे की साख पर गहरी चोट की है। इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ और उन्हें मिटाने के आरोप में सीआईडी द्वारा दर्ज एफआईआर के बाद ऊना पुलिस ने कड़ा कदम उठाते हुए गगरेट थाना प्रभारी सन्नी गुलेरिया और थाना मुंशी रजत को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। थाने का प्रभार फिलहाल एसआई आदर्श बन्याल को सौंपा गया है।

करीब 2 वर्ष पहले हुए इस ड्रग केस में भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद हुए थे। जांच के दौरान सीआईडी को यह चौंकाने वाले प्रमाण मिले कि केस से जुड़े अहम सबूतों के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ की गई। फोरैंसिक जांच में इन सबूतों की पुष्टि भी हुई। सीआईडी ने आरोप लगाया है कि इसमें शामिल पुलिस कर्मियों ने नशा तस्करों की मदद की जिससे अब थाना प्रभारी को भी तस्करों का सहयोगी माना गया है।

सीआईडी के अनुसार दर्ज धाराओं के तहत इन पुलिस कर्मियों पर वही प्रावधान लागू होंगे जो तस्करों पर लागू होते हैं। जांच एजैंसी का कहना है कि आगे की जांच के दौरान कुछ और धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं। हालांकि फिलहाल केवल थाना प्रभारी और मुंशी को लाइन हाजिर किया गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि बाकी तीन कर्मियों पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है। इस मामले ने न केवल गगरेट थाना बल्कि पूरे पुलिस विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ड्रग केस में 8 आरोपी हैं जेल में बंद

इस ड्रग केस में पहले से ही विभिन्न राज्यों से 8 आरोपी जेल में बंद हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट तक ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। अब आरोपित पुलिस कर्मियों के लिए भी कानूनी लड़ाई आसान नहीं रहने वाली है। सीआईडी के उच्च अधिकारियों ने एसपी ऊना को भेजे पत्र में एफआईआर और अन्य दस्तावेजों के आधार पर इन पांचों पुलिस कर्मियों को सस्पैंड करने की सिफारिश की थी।

बख्शे नहीं जाएंगे आरोपी

एएसपी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि एफआईआर में नामजद पांच में से दो पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। विभागीय और कानूनी जांच जारी है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। विभाग किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगा।

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