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शिमला, 31 अगस्त। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मणिमहेश यात्रा के दौरान आई प्राकृतिक आपदा और सरकार की नाकामी को लेकर बड़ा हमला बोला है। उनका कहना है कि हजारों श्रद्धालु कई दिनों तक आपदा क्षेत्र में फंसे रहे, लेकिन सरकार और प्रशासन ने उनकी सुध तक नहीं ली। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार श्रद्धालुओं के सामने ही लोग बह गए, लेकिन सरकार लगातार इन हालातों को छुपाने में लगी रही।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू बिहार में चुनावी कार्यक्रमों में व्यस्त रहे, जबकि प्रदेश में लोग मौत और बदहाली से जूझते रहे। विपक्ष और देशभर से हो रही आलोचना के बाद वह चंबा पहुंचे, लेकिन वहां भी केवल खानापूर्ति कर लौट गए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वह भरमौर से आगे नहीं गए और सबसे ज्यादा नुकसान वाले क्षेत्रों का दौरा तक नहीं किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार झूठे आंकड़े पेश कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि आज भी हजारों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं। इतना ही नहीं, चॉपर से रेस्क्यू कराए गए लोगों से 75 हजार रुपए तक वसूले गए। यह आपदा को अवसर बनाने वाली मानसिकता को दर्शाता है।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि जिम्मेदार मंत्री वहां श्रद्धालुओं से बहस करते देखे गए। जब लोगों ने सवाल उठाए तो मंत्री ने उल्टा सवाल किया कि उन्हें किसने बुलाया था। जयराम ठाकुर ने इस रवैये को शर्मनाक और असंवेदनशील करार दिया और कहा कि यह हिंदू श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में चंबा के स्थानीय लोगों ने देवदूत की तरह मदद की, श्रद्धालुओं को अपने घरों में शरण दी और अतिथि देवो भव की परंपरा को चरितार्थ किया।
इसके साथ ही जयराम ठाकुर ने फागू में ‘मन की बात’ सुनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अभियान को मजबूत बनाने का संकल्प जताया। उन्होंने प्रदेशवासियों से स्वदेशी को अपनाने की अपील की और कहा कि हिमाचल प्रदेश आपदा पीड़ितों के साथ तन-मन-धन से खड़ा है। भाजपा और आम जनता ने मिलकर राहत सामग्री और आर्थिक सहायता पहुंचाने का जो कार्य किया है, वह प्रदेश की संस्कृति और समर्पण को दर्शाता है।