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मंडी, 07 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के पंडोह डैम में जमा हुई लकड़ियों का मामला सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसकी CID जांच के निर्देश दिए हैं। 24 जून को बादल फटने से आई बाढ़ के बाद ये लकड़ियां डैम तक पहुंची थीं। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि लकड़ियां कहां से आईं और क्या ये वन विभाग की थीं। स्थानीय लोग इस रहस्य को जानने के लिए उत्सुक हैं।
बाढ़ ने खोला राज
24 जून को मंडी जिले में बादल फटने से भारी बाढ़ आई। इस आपदा ने कई गांवों को प्रभावित किया। बाढ़ का पानी पंडोह डैम तक पहुंचा, जिसमें भारी मात्रा में लकड़ियां बहकर आईं। इन लकड़ियों ने डैम के संचालन को प्रभावित किया। स्थानीय लोगों में यह सवाल उठा कि इतनी लकड़ियां कहां से आईं। इस घटना ने प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करने में मजबूर कर दिया।
सीआईडी की जांच
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए CID जांच के आदेश दिए। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि लकड़ियां वन विभाग की थीं या किसी और स्रोत से आईं। डैम में लकड़ियों के जमा होने से बिजली उत्पादन और जल प्रबंधन पर असर पड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अवैध कटाई का परिणाम हो सकता है। जांच से कई सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है।
लकड़ियों का रहस्य
पंडोह डैम में जमा लकड़ियों की मात्रा ने कई सवाल खड़े किए हैं। ये लकड़ियां जंगल से अवैध कटाई का नतीजा हो सकती हैं। कुछ लोग इसे प्राकृतिक आपदा का परिणाम मानते हैं, लेकिन वन विभाग की भूमिका पर भी संदेह है। डैम में लकड़ियों के जमा होने से जलस्तर प्रबंधन में दिक्कतें आईं। स्थानीय लोग चिंतित हैं कि ऐसी घटनाएं भविष्य में और नुकसान पहुंचा सकती हैं।
वन विभाग पर सवाल
जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या लकड़ियां वन विभाग की थीं। अगर ये अवैध कटाई का परिणाम हैं, तो यह पर्यावरण और वन नीतियों पर बड़ा सवाल है। स्थानीय लोग और पर्यावरण कार्यकर्ता वन विभाग की जवाबदेही मांग रहे हैं। डैम में लकड़ियों के जमा होने से बांध की कार्यक्षमता प्रभावित हुई। जांच से यह स्पष्ट होगा कि क्या यह लापरवाही का मामला है।
पर्यावरण पर चिंता
पंडोह डैम में लकड़ियों का जमा होना पर्यावरण के लिए भी चिंता का विषय है। अगर ये लकड़ियां अवैध कटाई से आईं, तो यह जंगलों की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। हिमाचल के जंगल जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण हैं। बाढ़ और लकड़ियों के बहाव ने स्थानीय पारिस्थितिकी को प्रभावित किया। लोग चाहते हैं कि जांच से दोषियों पर कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं रुकें।
डैम पर प्रभाव
पंडोह डैम हिमाचल में बिजली उत्पादन और जल प्रबंधन का महत्वपूर्ण केंद्र है। बाढ़ के बाद लकड़ियों के जमा होने से डैम का संचालन प्रभावित हुआ। इससे बिजली उत्पादन में कमी आई और जल प्रबंधन में चुनौतियां बढ़ीं। स्थानीय लोग डर रहे हैं कि ऐसी घटनाएं भविष्य में डैम की कार्यक्षमता को और नुकसान पहुंचा सकती हैं। जांच से इस समस्या का समाधान निकलने की उम्मीद है।
स्थानीय लोगों की बेचैनी
डैम में लकड़ियों के जमा होने से स्थानीय लोग परेशान हैं। कई लोग इसे अवैध कटाई का परिणाम मानते हैं। उनकी चिंता है कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो पर्यावरण और डैम दोनों को नुकसान होगा। लोग चाहते हैं कि CID जांच से सच सामने आए। इस घटना ने मंडी के लोगों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाई है।
जांच की प्रक्रिया
CID जांच में लकड़ियों के स्रोत की गहन पड़ताल होगी। जांच दल जंगलों, वन विभाग के रिकॉर्ड और स्थानीय लोगों से पूछताछ करेगा। यह भी देखा जाएगा कि क्या यह लापरवाही थी या सुनियोजित अवैध कटाई। मुख्यमंत्री ने जांच को पारदर्शी और समयबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जांच से जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी और डैम की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।