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बिलासपुर, 09 जुलाई। शहर के साथ लगते बध्यात गांव में रेल लाइन की टनल के निर्माण के दौरान मलबे की अवैध डंपिंग करने पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी कंपनी के अधिकारियों पर भड़क गए। मंत्री ने मौके पर ही उपायुक्त को कमेटी गठित कर टनल का निर्माण कर रही कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने नोग गांव में टनल से क्षतिग्रस्त हुए घरों का भी निरीक्षण किया। घरों का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने उपायुक्त को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों को बाजार भाव के हिसाब से मुआवजा दिलाया जाए। स्थानीय लोगों को भी कहा है कि कंपनी के खिलाफ अवैध ब्लास्टिंग करने की शिकायत दर्ज कराएं। क्योंकि कंपनी ने प्रशासन की अनुमति लिए बिना ब्लास्टिंग की है। मंगलवार दोपहर को मंत्री राजेश धर्माणी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ निर्माणाधीन टनल पर पहुंचे। आसपास की गई मलबे की डंपिंग को देखकर उन्होंने कंपनी के अधिकारियों बुलाया। अधिकारियों से कहा कि कंपनी ने मिट्टी को अवैध रूप से नदी किनारे और नाले में डंप किया है।
इस के लिए वन विभाग ने नोटिस भी जारी किया है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि जल्द मिट्टी को हटा दिया जाएगा। इस पर मंत्री भड़के और कहा कि उनकी लापरवाही के कारण जो पर्यावरण को नुकसान हुआ उसे रिकवर करना अब मुश्किल होगा। उन्होंने तभी उपायुक्त को निर्देश दिए कि कमेटी गठित की जाए और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि बध्यात में टनल प्रभावितों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था और मदद की गुहार लगाई थी।
मुख्यमंत्री ने उन्हें निर्देश दिए थे कि वे जाकर इन लोगों से मिलें और हर संभव सहायता की जाए। मंगलवार को घरों का निरीक्षण किया और पाया कि घर खतरे में हैं। यदि भारी बारिश हुई या छोटा सा भी भूकंप का झटका लगा तो यहां पर और अधिक नुकसान हो सकता है। उपायुक्त को निर्देश दिए हैं पुनर्निर्माण के लिए प्रभावित लोगों को बाजार भाव से मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं।
नोग में टनल निर्माण कर रही कंपनी ने अवैध डंपिंग की है। टनल से जो मिट्टी निकाली उसे नजदीक की जगहों पर फेंक दिया, जिससे पर्यावरण का नुकसान पहुंचा है। नाले भी अवरुद्ध हुए हैं। भारी बारिश होती है तो नजदीकी क्षेत्रों में और नुकसान हो सकता है। इस तरह से स्थानीय लोगों को तंग करने और हिमाचल के संसाधनों को बर्बाद करने का किसी को हक नहीं है। रेल लाइन योजना के लिए प्रदेश सरकार ने भी योगदान दिया है, लेकिन जो भी तरीका कंपनी ने अपनाया वह अवैज्ञानिक है।
उन्होंने बिना किसी इजाजत के ब्लास्टिंग करके मिट्टी निकालने की कोशिश की, जिस कारण स्थानीय लोगों को समस्या हुई और उनके घर क्षतिग्रस्त हुए। इस मौके पर उपायुक्त राहुल कुमार, जिला परिषद सदस्य गौरव शर्मा आदि मौजूद रहे।