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शिमला के भट्टाकुफर में शिमला बिल्डिंग हादसा हुआ, जब एक पांच मंजिला इमारत ढह गई। फोरलेन निर्माण कार्य ने इसे कमजोर कर दिया था। प्रशासन ने पहले ही इमारत खाली करवा दी थी। इससे बड़ा हादसा टल गया। स्थानीय लोग दहशत में हैं। प्रशासन ने घटना की जांच शुरू की। लोग निर्माण कार्यों की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं।
शिमला बिल्डिंग हादसा से पहले प्रशासन ने खतरे को भांप लिया था। अधिकारियों ने इमारत को समय रहते खाली करवाया। इससे कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। फोरलेन निर्माण के दौरान कंपन और मिट्टी खिसकने से इमारत अस्थिर हो गई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि इमारत कई दिनों से खतरे में थी। प्रशासन ने आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। लोग राहत महसूस कर रहे हैं।
हादसे ने फोरलेन निर्माण की गुणवत्ता को कटघरे में खड़ा किया। स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्यों की कड़ी निगरानी की मांग की। उनका कहना है कि लापरवाही से खतरा बढ़ रहा है। प्रशासन ने जांच का वादा किया है। लोगों ने प्रभावितों के लिए मुआवजे की मांग भी की। इस हादसे ने निर्माण नियमों की पालना पर बहस छेड़ दी है।
शिमला बिल्डिंग हादसा के बाद प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए। अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई। जांच दल हादसे की वजह तलाशेगा। स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। प्रशासन ने भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया। लोग जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।