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शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने मंगलवार को फिर से कार्यभार संभाल लिया। उनकी वापसी ने जनता में उत्साह जगाया। सोशल मीडिया पर “वेलकम बैक सर” और “सिंघम इज बैक” जैसे टैग ट्रेंड कर रहे हैं। विमल नेगी मौत मामले में डीजीपी अतुल वर्मा से विवाद के बाद वे छुट्टी पर थे। हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। उनकी वापसी से शिमला पुलिस की कार्यशैली पर नजर है।
संजीव गांधी और तत्कालीन डीजीपी अतुल वर्मा के बीच मतभेद विमल नेगी मामले को लेकर उभरे। गांधी ने डीजीपी पर जांच में बाधा डालने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में डीजीपी ने उनके निलंबन की सिफारिश की। इस विवाद ने सुर्खियां बटोरीं। गांधी को लंबी छुट्टी पर भेजा गया था। उनकी वापसी से लोग उम्मीद कर रहे हैं कि लंबित मामलों में पारदर्शिता आएगी। यह कदम जनता का भरोसा बढ़ा सकता है।
विमल नेगी की मौत की जांच हिमाचल हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी थी। इसने विवाद को और गहरा दिया। संजीव गांधी ने हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका दायर की थी, जो खारिज हो गई। उनकी याचिका में पेशेवर प्रतिष्ठा की चिंता जताई गई थी। अब उनकी वापसी से शिमला पुलिस की कार्यप्रणाली पर ध्यान है। लोग यह देखना चाहते हैं कि क्या बदलाव आते हैं। यह मामला न्याय की दिशा में अहम है।
संजीव गांधी की वापसी से शिमला में पुलिस व्यवस्था पर नजर है। सोशल मीडिया पर लोग उनके स्वागत में उत्साह दिखा रहे हैं। उनकी कठिन परिस्थितियों में वापसी ने जनता का ध्यान खींचा है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी अगुवाई में लंबित मामलों में तेजी आएगी। उनकी कार्यशैली और निष्पक्षता पर सबकी नजर है। यह वापसी शिमला पुलिस के लिए नई शुरुआत का संकेत दे सकती है।