पुलिस भर्ती परीक्षा पर उठे सवाल - परीक्षा केंद्रों पर नकल करवाने का आरोप, जांच की मांग

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शिमला/चंबा। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा विवादों के घेरे में आ गई है। पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में दर्जनों अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा केंद्रों में नकल करवाए जाने के अलावा लापरवाही के गंभीर आरोपों ने एक बार फिर इस भर्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश के अलग.अलग परीक्षा केंद्रों में पुलिस भर्ती परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी रोते हुए परीक्षा केंद्रों के भीतर बरती गई लापरवाही को बयां कर रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं।

2022 में पुलिस भर्ती का पेपर हुआ था लीक

बता दें कि इससे पहले भी साल 2022 में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया था। उस दौरान इस पेपर लीक मामले में 100 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए थे। वहीं जब पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले जांच शुरू हुई, तब कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी गड़बड़ी पाई गई थी। अब इसी तरह से तीन साल बाद 15 जून 2025 को पुलिस कांस्टेबल 1088 पदों पर भर्ती की लिखित परीक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं।

सुक्खू सरकार करवाए मामले की जांच

15 जून को आयोजित हुई पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा देकर निकली चंबा जिला की एक अभ्यर्थी ने परीक्षा केंद्र में सरेआम नकल करवाए जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस लड़की का कहना है कि जब सुक्खू सरकार एक समोसे की सीआईडी जांच करवा सकती है, तो यहां बच्चों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ की जांच क्यों नहीं करवा रही।

डीसी को सौंपा ज्ञापन मांगी जांच

लड़की ने आरोप लगाया कि इस परीक्षा के लिए उसने और उस जैसे कई अन्य युवाओं ने कड़ी मेहनत की है, लेकिन अब परीक्षा केंद्र में सरेआम नकल करवाने से नकल करने वाले पास हो जाएंगे, और मेहनत और ईमानदारी से परीक्षा देने वाले छात्रों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। चंबा जिला में पुलिस भर्ती परीक्षा के कई अभ्यर्थियों ने डीसी चंबा से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है। इन अभ्यर्थियों ने परीक्षा केंद्र में नकल व प्रशासनिक चूक की स्वतंत्र जांच की मांग की है।

शिमला के अमन बोले टीचर आंखें मूंदे बैठे रहे

इसी तरह से शिमला में परीक्षा देने पहुंचे अमन ने कहा कि मैंने खुद अपनी आंखों से कई छात्रों को खुलेआम नकल करते देखा। न तो कोई सख्ती थी और न ही निगरानी। परीक्षा केंद्र में ड्यूटी कर रहे शिक्षक आंखे मूंद कर बैठे रहे और उन्होंने भी कोई सख्ती नहीं बरती। उन्होंने सरकार से परीक्षा केंद्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके। 

15,781 अभ्यर्थियों ने दी है परीक्षा

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल के 1088 पदों पर भर्ती चल रही है। जिसमें महिला और पुरुष वर्ग की भर्ती हो रही है। ग्राउंड टेस्ट के बाद अब पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था। यह लिखित परीक्षा प्रदेश भर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में 15 जून को आयोजित की गई थी। 

पालमपुर में दो लोग हो चुके हैं अरेस्ट

बता दें कि जिस दिन पुलिस की लिखित परीक्षा हुई थी, उसी दिन कांगड़ा जिला के पालमपुर में पुलिस ने दो लोगों को पैसे लेकर परीक्षा पास करवाने का झांसा देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपियों विक्रम और बलविंद्र उर्फ सोनू जरयाल नाम के इन दोनों आरोपियों ने पालमपुर में कई युवाओं से पैसे लेकर उन्हें परीक्षा पास कराने का झांसा दिया था। यह गिरोह पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है और अब इस बात की भी जांच हो रही है कि कहीं परीक्षा से पहले पेपर लीक तो नहीं हुआ।

जयराम ठाकुर ने घेरी सुक्खू सरकार

नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सत्ताधारी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दो साल में पहली बार सरकार ने कोई भर्ती परीक्षा करवाई और उसमें भी गड़बड़ी सामने आ गई। उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

सरकार की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

अब जबकि छात्र खुलकर सामने आ रहे हैं, सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकार निष्पक्ष जांच के लिए कदम उठाएगी या एक बार फिर यह मामला भी पुरानी फाइलों की धूल में दब जाएगा।

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