राजनीति : SC चेहरा आगे करने की तैयारी में कांग्रेस - खड़गे से मिलेंगे विनय कुमार, चुने जा सकते है अध्यक्ष

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शिमला, 14 जून। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में लंबे समय से लटकी प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी को लेकर हलचल फिर तेज हो गई है। श्री रेणुकाजी से विधायक और पूर्व वर्किंग प्रेसिडेंट विनय कुमार आज दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में विनय का नाम आगे चल रहा है और माना जा रहा है कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र एक मज़बूत SC चेहरा सामने लाकर सामाजिक समीकरण साधना चाहती है।

तीन दिन से दिल्ली में मौजूद हैं विनय कुमार

विनय कुमार बीते तीन दिनों से दिल्ली में हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के कर्नाटक दौरे के कारण अब तक उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी, लेकिन आज खड़गे की दिल्ली वापसी के साथ ही यह बैठक तय मानी जा रही है। यही बैठक हिमाचल कांग्रेस के अगले अध्यक्ष का नाम तय करने की दिशा में निर्णायक साबित हो सकती है।

अनुभव और संतुलन का चेहरा हैं विनय कुमार

विनय कुमार वर्तमान में हिमाचल विधानसभा के उपाध्यक्ष हैं और लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। पूर्व वीरभद्र सरकार में वह CPS और पार्टी में वर्किंग प्रेसिडेंट की भूमिका निभा चुके हैं। उन्हें पहले डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का करीबी माना जाता था, लेकिन सुक्खू सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष की कुर्सी मिलने के बाद उन्हें सत्ता पक्ष और संगठन के बीच एक संतुलनकारी चेहरा भी माना जा रहा है।

पहले भी दो SC चेहरों के नाम हुए खारिज

विनय से पहले कांग्रेस के भीतर SC प्रतिनिधित्व के नाम पर दो और विधायकों कसौली से विनोद सुल्तानपुरी और भोरंज से सुरेश कुमार के नाम हाईकमान तक पहुंचाए गए थे। लेकिन अनुभव की कमी और वरिष्ठ नेताओं की असहमति के चलते वह नाम टिक नहीं पाए। ऐसे में तीन बार के विधायक विनय कुमार का नाम सबसे व्यवहारिक विकल्प के रूप में उभरा है।

अगर अध्यक्ष बने तो छोड़नी होगी उपाध्यक्ष की कुर्सी

अगर हाईकमान विनय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करता है, तो उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ सकता है। पार्टी इस पर जल्द फैसला ले सकती है। इस बदलाव का सीधा संदेश आने वाले समय में कांग्रेस के रणनीतिक पुनर्गठन से भी जुड़ा होगा।

नॉन-SC नेताओं की खेमेबाज़ी भी जारी

वहीं अध्यक्ष पद की दौड़ में नॉन-SC चेहरों के रूप में पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर, विधायक संजय अवस्थी और विक्रमादित्य सिंह के नाम चर्चा में हैं। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का नाम भी विरोधी खेमे ने हाईकमान के सामने रखा था।

गुटबाज़ी बनी सबसे बड़ी बाधा

प्रदेश कांग्रेस में गुटबाज़ी इस पूरी नियुक्ति प्रक्रिया में सबसे बड़ी अड़चन बनी हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, डिप्टी सीएम अग्निहोत्री और मौजूदा अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पहले भी कई बार अलग-अलग नामों को लेकर दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन किसी सर्वमान्य नाम पर सहमति नहीं बन सकी है।

गौरतलब है कि प्रतिभा सिंह का तीन साल का कार्यकाल 25 अप्रैल 2025 को पूरा हो चुका है, लेकिन तब से अब तक नया अध्यक्ष नहीं चुना जा सका है। ऐसे में आज की विनय-खड़गे मुलाकात पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हैं।

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