हिमाचल : भूमि अतिक्रमण मामले में हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, बेदखल करने के आदेश, यहां जानें

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शिमला, 20 जून। हिमाचल प्रदेश में हिमाचल अतिक्रमण का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकारी और वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और बीसी नेगी की खंडपीठ ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे राजस्व, वन और अन्य संबंधित विभागों को 15 जुलाई तक अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आदेश दें। कोर्ट ने यह भी कहा कि अतिक्रमित भूमि को बनाए रखने का कोई कानूनी आधार नहीं है।

सरकार का स्पष्ट रुख

हाई कोर्ट की सुनवाई के दौरान सरकार ने साफ किया कि हिमाचल अतिक्रमण से जुड़ी 5 या 10 बीघा भूमि को नियमित करने की कोई नीति मौजूद नहीं है। सरकार ने कहा कि ऐसी कोई योजना भविष्य में भी प्रस्तावित नहीं है। इस बयान के आधार पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति सरकारी या वन भूमि पर कब्जा बनाए रखने का हकदार नहीं है। यह फैसला उन लोगों के लिए बड़ा झटका है, जो लंबे समय से ऐसी भूमि पर कब्जा जमाए हुए हैं।

कोर्ट के सख्त निर्देश

न्यायालय ने मुख्य सचिव को सभी संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने हिमाचल अतिक्रमण से जुड़े मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 21 जुलाई तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि पहले दिए गए आदेश, जो 5 बीघा तक अतिक्रमण को संरक्षण देने की बात करते थे, अब प्रभावी नहीं हैं। यह फैसला पर्यावरण संरक्षण और सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

अतिक्रमण पर कड़ा प्रहार

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में जोर दिया कि सरकारी और वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करना जरूरी है। यह कदम न केवल कानून के शासन को मजबूत करता है, बल्कि हिमाचल की प्राकृतिक संपदा को भी संरक्षित करता है। कोर्ट के इस आदेश से प्रभावित लोग अब अपनी स्थिति को लेकर चिंतित हैं। हिमाचल सरकार की आधिकारिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

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