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हिमाचल: अफसरशाही के कारण एक बार फिर सवालों के घेरे में सुक्खू सरकार, जयराम ठाकुर का तीखा हमला

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न्यूज अपडेट्स 
शिमला, 30 मई। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर अफसरशाही की लापरवाही ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को कठघरे में ला खड़ा किया है। इस बार मामला मुख्यमंत्री के हमीरपुर दौरे से ठीक पहले जारी किए गए टूर प्लान से जुड़ा है, जिसमें ऐसी सूचनाएं दी गई हैं जो आमतौर पर कभी सार्वजनिक नहीं होतीं और जो खुद सरकार के दावों की पोल खोलती हैं।

क्या है पूरा मामला?

सीएम सुक्खू 31 मई को हमीरपुर जिले के बड़सर क्षेत्र के दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान वह वहां नव-निर्मित मिनी सचिवालय का उद्घाटन करेंगे। लेकिन इस उद्घाटन से पहले जो टूर प्लान अफसरों द्वारा तैयार कर मीडिया व संबंधित अधिकारियों को भेजा गया, उसमें खुद यह जिक्र किया गया है कि –

भवन में बिजली का कनेक्शन अभी तक नहीं हुआ है 
फर्नीचर की खरीद नहीं हो सकी है
ठेकेदार को 4 करोड़ 95 लाख रुपये की पेमेंट अभी बकाया है।

मतलब साफ है जिस भवन का उद्घाटन हो रहा है, वह अधूरा है और अफसरों ने अपनी ही रिपोर्ट में इसकी पुष्टि कर दी है। जिसके बाद से सरकार के ऊपर एक बार फिर प्रश्नचिन्ह लगता दिख रहा है।

पहले ऐसा टूर प्लान नहीं होता था जारी

राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों के अनुसार, आमतौर पर मुख्यमंत्री के दौरे से जुड़ा टूर प्लान काफी सीमित होता है जैसे समय, स्थान, कार्यक्रम, और सुरक्षा। लेकिन इस बार पूरा डिटेल प्लान जारी किया गया है जिसमें निर्माण से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां तक सार्वजनिक कर दी गईं। यही बात अब सियासी बवाल का कारण बन गई है।

जयराम ठाकुर का तीखा हमला

जैसे ही टूर प्लान सामने आया, विपक्ष को बड़ा मुद्दा मिल गया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर तीखा तंज कसते हुए लिखा –जब मिनी सचिवालय बड़सर में न बिजली है, न फर्नीचर, और न ही भुगतान हुआ है… तो मुख्यमंत्री उद्घाटन किस चीज़ का कर रहे हैं?  यह कोई पहली घटना नहीं है, अफसरशाही की लापरवाहियों से सुक्खू सरकार पहले भी कई बार घिर चुकी है।

‘टॉयलेट टैक्स’,
‘जंगली मुर्गा’ 
‘समोसा कांड’ की CID रिपोर्ट लीक,
SP शिमला को सस्पेंड करने की अनुशंसा 
इन सभी मामलों में सरकार को जनता और विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा।

सवालों में घिरी सरकार

इस पूरे घटनाक्रम के बाद राज्य की राजनीति में कई सवाल तैर रहे हैं –क्या मुख्यमंत्री को अफसरों की ओर से अधूरी जानकारी दी गई? क्या जानबूझकर ऐसा प्लान लीक किया गया ताकि सरकार की किरकिरी हो? क्या अफसरशाही सरकार पर हावी हो गई है?

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