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शिमला, 21 मई। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आज एक बार फिर चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले की अहम सुनवाई हो रही है। बीते दिन शिमला पुलिस ने कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की, जिसे अब कोर्ट के आदेश पर नेगी के परिजनों को सौंपा जाएगा। यही नहीं, नेगी के परिजनों ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की जांच रिपोर्ट की कॉपी की भी मांग की है, जिसे सरकार ने फिलहाल देने से इनकार किया है।
कोर्ट ने चार्जशीट पर भी लगाई रोक
बता दें कि इस केस में अदालत ने एक और बड़ा आदेश देते हुए कहा है कि पुलिस अब कोर्ट की परमिशन के बिना चार्जशीट दायर नहीं कर सकती। यह फैसला तब आया है जब केस को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर रही है या नहीं।
परिजनों ने लगाई CBI जांच की गुहार
विमल नेगी के परिवार की तरफ से उनकी पत्नी किरण नेगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है। उनका कहना है कि हिमाचल पुलिस ने जांच में भारी लापरवाही बरती है। नेगी 10 मार्च को लापता हुए थे, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत तीन दिन बाद की पाई गई। सवाल यह है कि उन तीन दिनों में वो कहां थे? और पुलिस अब तक इसका जवाब नहीं दे सकी है।
अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप
नेगी के परिवार ने पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और दूसरे डायरेक्टर शिवम प्रताप सिंह पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। 19 मार्च को शव के साथ शिमला में प्रदर्शन के बाद पुलिस ने न्यू शिमला थाने में देसराज सहित तीन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।