सुप्रीम कोर्ट: विमल नेगी मामले में निलंबित डायरेक्टर देशराज को मिली अंतरिम जमानत, हाइकोर्ट ने याचिका की थी खारिज

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Supreme Court Bail Deshraj: हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में फंसे सस्पेंड डायरेक्टर देशराज को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। इससे पहले हाईकोर्ट ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए देशराज ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां उन्हें राहत मिल गई। देशराज 23 मार्च से ही गायब थे।वहीं परिवार और भाजपा लगातार मामले की सीबीआई जांच मांग रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

विमल नेगी बीते 10 मार्च को सरकारी गाड़ी छोड़कर निजी टैक्सी से शिमला से बिलासपुर गए थे। 18 मार्च को गोविंदसागर झील में उनका शव बरामद हुआ, जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी मौत 14 मार्च को डूबने से हुई थी।

परिजनों ने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर पर्सनल शिवम प्रताप और डायरेक्टर देशराज द्वारा मानसिक प्रताड़ना के कारण विमल नेगी ने यह कदम उठाया। इसी के चलते कर्मचारियों और परिजनों ने शिमला के BCS स्थित पावर कॉरपोरेशन कार्यालय के बाहर 19 मार्च को छह घंटे तक प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रदेश सरकार के चार मंत्री मौके पर पहुंचे और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद हड़ताल खत्म हुई। उसी रात देशराज, एमडी और डायरेक्टर (पर्सनल) के खिलाफ न्यू शिमला थाना में एफआईआर दर्ज की गई।

पेखुवाला प्रोजेक्ट का दबाव था वजह?

सूत्रों के मुताबिक, विमल नेगी के पीए राजीव ठाकुर ने पुलिस को बताया कि नेगी पर पेखुवाला प्रोजेक्ट को लेकर भारी दबाव था। एमडी और डायरेक्टरों द्वारा लगातार दबाव बनाए जाने से वे मानसिक रूप से परेशान थे। पुलिस को मिले पावर कॉरपोरेशन के सीसीटीवी फुटेज और बायोमेट्रिक रिकॉर्ड से यह सामने आया कि विमल नेगी देर रात तक दफ्तर में मौजूद रहते थे। इससे संकेत मिलते हैं कि वे गहरे तनाव में थे।

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