हिमाचल : आज बढ़ सकता है प्रदेश में बसों का किराया - प्राइवेट ऑपरेटर्स ने मांगी 170 करोड़ रुपए की ग्रांट

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न्यूज अपडेट्स 
शिमला। हिमाचल सरकार आज, यानी शनिवार को राज्य में बसों के किराए में बढ़ोतरी को मंजूरी दे सकती है। सीएम सुक्खू दिल्ली से लौटने के बाद राज्य सचिवालय में कैबिनेट की बैठक लेंगे, जिसमें किराया बढ़ोतरी को मंजूरी मिल सकती है। इस बीच, प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने किराया बढ़ाने का यह कहते हुए विरोध किया है कि सरकार सरकारी और निजी बस ऑपरेटरों के साथ किराए की दरों में भेदभाव कर रही है। 

HRTC और प्राइवेट बसों में हो एक जैसा किराया

इन ऑपरेटरों का कहना है कि सरकार को HRTC और प्राइवेट ऑपरेटरों के लिए एक जैसा किराया तय करना चाहिए। प्राइवेट बस ऑपरेटरों के यूनियन का कहना है कि पहले तो सुक्खू सरकार बसों का न्यूनतम किराया बढ़ाए। इसके अलावा बसों में महिलाओं को किराए में दी जा रही 50 फीसदी की छूट को भी खत्म किया जाए, क्योंकि इससे उन्हें नुकसान हो रहा है।

न्यूनतम किराया 15 रुपए हो

हिमाचल प्रदेश में सरकारी बसों का बेड़ा 3500 बसों का है, जबकि 1500 से 2000 के करीब बसों को प्राइवेट ऑपरेटर चला रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के प्राइवेट ऑपरेटर्स न्यूनतम किराए को 5 से बढ़ाकर 15 रुपए करने की मांग कर रहे हैं। ऑपरेटरों की दलील है कि राज्य में बसों का न्यूनतम किराया पूरे देश में सबसे कम है और अधिकतम किराया सबसे ज्यादा। इसीलिए उनकी मांग सामान्य किराए में इजाफा न करने की भी है।

मांगी 170 करोड़ रुपए की ग्रांट

निजी ऑपरेटरों का कहना है कि बसों के किराए में महिलाओं को 50 फीसदी की छूट से उन्हें हो रहे नुकसान के एवज में सुक्खू सरकार HRTC की तर्ज पर उन्हें भी 170 करोड़ का अनुदान दे। प्राइवेट ऑपरेटरों के विरोध को देखते हुए सुक्खू सरकार के लिए शनिवार की कैबिनेट बैठक में किराया बढ़ोतरी का फैसला लेना आसान नहीं दिख रहा है। इसके बावजूद अगर किराया बढ़ाया गया तो प्राइवेट बस ऑपरेटर आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं और इसका सबसे ज्यादा खामियाजा आम लोगों और हिमाचल आने वाले टूरिस्टों को उठाना होगा।

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