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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के परागपुर विकासखंड के सचिव और प्रधान ने मिलकर फर्जी मस्टररोल बनाया और ग्रामसभा निधि ने 42900 रुपए निकाल लिए। मामले की जांच में दोनों को दोषी पाया गया है। अब इनसे गबन की गई रकम की रिकवरी होगी।
इस संबंध में जिला पंचायत अधिकारी नीलम कटोच ने परागपुर के बीडीओ को पत्र लिखकर रिकवरी करने के आदेश दिए हैं। बीडीओ ने ही मामले की जांच करवाई थी, जिसमें पाया गया कि प्रधान और सचिव ने 4 पंचायतों के फर्जी मस्टर रोल बनवाए और दोनों ने अपने दस्तखत कर रकम निकाल ली। बीडीओ ने दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की थी।
बठरा पंचायत का मामला
दोनों आरोपी कांगड़ा जिले की बठरा पंचायत के हैं। आपको बता दें कि सरकारी मस्टर रोल में एक ही दिन कुछ मजदूरों को काम पर लगाने की शिकायत बठरा पंचायत के ही परीक्षित धीमान ने की थी।
नोटिस का गोलमोल जवाब
जांच रिपोर्ट में जब शिकायत सही पाई गई तो प्रधान और सचिव को नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन दोनों ने नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया। गांव की प्रधान सुनीता देवी प्रधान और सचिव रमन राय हैं। इससे परीक्षित धीमान के आरोपों की पुष्टि हुई है। ऐसे में सुनीता देवी और रमन राय दोनों से गबन की रकम की वसूली की जाएगी।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आ चुके है, जिनमें विकास के कार्यों में पंचायत प्रतिनिधियों ने बड़े घोटाले किए हों। हालांकि भ्रष्टाचार करने वालों पर सरकार और अधिकारी कार्रवाई भी करते हैं, लेकिन फिर भी इस तरह के मामले खत्म नहीं हो रहे हैं।