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अंब (ऊना)। कहते हैं, जरूरत से ज्यादा चालाकी हमेशा महंगी पड़ती है। हिमाचल प्रदेश ऊना जिला के अंब के एक युवक के साथ यही हुआ। वह इंपाउंड (ट्रैफिक पुलिस की जब्त) बाइक अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट से छुड़वाने आया था। उसने कोर्ट को झांसा देने के लिए जो ड्राइविंग लाइसेंस पेश किया, वह जाली निकला। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस को युवक के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा है।
एक माह पहले जब्त की थी बाइक
अंब पुलिस ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 207 के तहत पिछले महीने आरोपी युवक की बाइक जब्त की थी। मामला कोर्ट पहुंचा। गाड़ी छुड़वाने के लिए युवक ने कोर्ट में एक जाली ड्राइविंग लाइसेंस पेश किया। कोर्ट ने जांच के बाद लाइसेंस को 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया।
डीएल किसी और का निकला
लेकिन शक होने पर कोर्ट ने डीएल को जांच के लिए आर एंड एलए अम्ब के पास भेजा। जांच में पता चला कि वह डीएल आरोपी युवक का है ही नहीं। लाइसेंस किसी और का निकला। वह लाइसेंस गांव तियाई, डाकघर चकसराय व तहसील अम्ब के किसी व्यक्ति का था।
कोर्ट के साथ धोखाधड़ी
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने कोर्ट में जाली लाइसेंस पेश कर कोर्ट से धोखाधड़ी और जालसाजी की है। अब पुलिस ने आरोपी दलेर सिंह निवासी ग्राम पंचायत धर्मसाल महंता के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।