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शिमला। हिमाचल प्रदेश कैबिनेट में सरकारी और निजी बसों का न्यूनतम किराया डबल करने के बाद राज्य के प्राइवेट ऑपरेटर्स ने सुक्खू सरकार से और किराया बढ़ाने की मांग की है। आपको बता दें कि शनिवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकारी और प्राइवेट बसों का न्यूनतम किराया 5 से 10 रुपए करने को मंजूरी दी गई थी।
बस चलाना घाटे का सौदा
रविवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन ने कहा कि बस चलाना अब घाटे का सौदा बन चुका है। डीजल के दाम बढ़े हैं, लेकिन सवारियां कम हो गई हैं। यूनियन ने कहा कि सरकार को लंबी दूरी के बस किराए में 25 फीसदी का इजाफा करना चाहिए, वरना ऑपरेटरों के लिए बस चलाना मुश्किल हो जाएगा।
महिलाओं को रियायत बंद हो
इसी के साथ यूनियन ने प्राइवेट बसों में महिलाओं को किराए में 50 प्रतिशत छूट को भी तुरंत खत्म करने की मांग की है। प्राइवेट बस ऑपरेटरों का कहना है कि सरकार को इसकी अधिसूचना रद्द करनी चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सवारियां नहीं मिल रहीं
यूनियन की दलील है कि छूट के बावजूद महिलाएं HRTC की बसों में सफर करना ज्यादा पसंद करती हैं। उनके साथ आए पुरुष यात्री भी सरकार में ही जाना चाहते हैं, प्राइवेट को कोई नहीं पूछ रहा है।
जयराम सरकार ने दी थी छूट
प्राइवेट बसों में महिलाओं को छूट देने की अधिसूचना पूर्व सीएम जयराम ठाकुर की पिछली भाजपा सरकार ने जारी की थी। यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि इन मसलों को लेकर उनकी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात हो चुकी है। अब जल्दी ही सरकार और यूनियन के बीच इस पर उच्च स्तरीय वार्ता की उम्मीद है।