हिमाचल: होम स्टे के लिए नए सिरे से नियम बनाने के निर्देश, होम स्टे संचालकों को राहत, जानें पूरा मामला

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के होम स्टे संचालकों के लिए राहत भरी खबर है। सुक्खू सरकार ने हिमाचल में चल रहे होम स्टे को लेकर एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है। सुक्खू सरकार ने पर्यटन विभाग को होम स्टे संचालकों के लिए नए सिरे से नियम तय करने के आदेश दिए हैं।

होम स्टे के नियमों में बदलाव

जानकारी के अनुसार, पर्यटन विभाग ने होम स्टे संशोधन को लेकर एक ड्राफ्ट नोटिफाई किया था। मगर इस ड्राफ्ट में संचालकों ने कई खामियां निकाली हैं। ऐसे में सुक्खू सरकार ने पर्यटन विभाग को होम स्टे के लिए गठित कमेटी की सिफारिशों के बाद नियमों में किए गए संशोधनों में बदलाव करने के लिए कहा है।

सुक्खू सरकार ने ये स्पष्ट किया है कि दोबारा से तैयार किए गए ड्राफ्ट पर होम स्टे संचालकों का फीडबैक मिलने के बाद ही उसे नोटिफाई किया जाए। अगर होम स्टे संचालकों को उसमें भी खामियां नजर आती हैं तो ड्राफ्ट को नोटिफाई नहीं किया जाएगा।

होम स्टे के नियम

विदित रहे कि, होम स्टे संचालन के नए नियमों को लेकर संचालकों ने आपत्ति जताई है। पर्यटन विभाग द्वारा अधिसूचना के अनुसार, फार्म हाउस, बगीचों और चाय बागान में भी होमस्टे चला सकेंगे। इसके लिए पंजीकरण शुल्क और नवीकरण शुल्क भी निर्धारित कर दिया गया है। होम स्टे का नवीकरण करवाने की स्थित में शुल्क पंजीकरण शुल्क के समान ही होगा।

अगर किसी होम स्टे संचालक के पास कमरों की संख्या चार से छह है- तो उसे नगर निगम परिधि में 12,000 रुपए चुकाने होंगेष जबकि, तीन कमरों की संख्या वाले होम स्टे संचालक को 8000 रुपए शुल्क चुकाना पड़ेगा।
TCP, साडा, नगर परिषद और नगर पंचायत में शुल्क 5000 से 8000 हजार रुपए रहेगा।
पंचायत क्षेत्र में शुल्क 3000 से 6000 हजार रुपए रहेगा।
इतना ही नहीं, होम स्टे संचालकों को व्यावसायिक दर पर बिजली और पानी देने का भी फैसला लिया गया है।
GST नंबर को अनिवार्य किया गया है।

होम स्टे संचालकों की मांग

होम स्टे संचालकों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक समान मानकों पर आपत्ति जताई है। होम स्टे संचालकों ने सुक्खू सरकार से इन नियमों में बदलाव करने की मांग की है। जैसे कि-

होम स्टे पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में पंचायती क्षेत्रों के लिए 50 फीसदी छूट देने
घरेलू दरों पर बिजली-पानी की सुविधा
GST नंबर की अनिवार्यता लागू ना करना
नगर निगम और नगर परिषद से बाहर पंचायती क्षेत्रों के NH और फोरलेन के किनारे 50 मीटर क्षेत्र को शहरी क्षेत्र की श्रेणी में ना रखे जाने
भवन संरचना स्थिरता प्रमाणपत्र की अनिवार्यता खत्म करना।

कहां कितने होम स्टे?

हिमाचल में कुल 4289 होम स्टे हैं- जिनकी बेड कैपेसिटी 26,727 है। हिमाचल के अलग-अलग जिलों में होम स्टे की संख्या यहां देखिए-

कुल्लू- 1040
शिमला- 805
लाहौल-स्पीति0- 718
कांगड़ा- 431
सोलन- 328
चंबा- 322
मंडी- 241
किन्नौर- 202
सिरमौर- 123
बिलासपुर- 44
ऊना-18
हमीरपुर-17

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