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मंडी। हिमाचल प्रदेश में HRTC के कंडक्टर ने मानवीयता की सारी हदें पार करते हुए एक दिव्यांग को इसलिए बस से धकेल दिया, क्योंकि वह राज्य सरकार के नियमों के तहत बस में फ्री राइड पर था। मेडिकल सर्टिफकेट दिखाने के बाद भी कंडक्टर ने उससे कहा- हम भी तो पैसे कमाते हैं, हम कब तक तुम जैसे मुफ्त के लोगों को ढोते रहेंगे। चलो, निकलो और उसे बस से बाहर धकेल दिया। दिव्यांग ने मजबूरन दूसरी HRTC की टिकट काटी, लेकिन रात को समय पर घर नहीं पहुंच सका।
बस में हुआ गलत व्यवहार
मजबूरन उसे पंडोह में रात गुजारनी पड़ी। दिव्यांग को छपराहान जाना था। उसने मंडी से चैल चौक की HRTC की बस पकड़ी और विकलांगों के लिए आरक्षित सीट नंबर 3 पर जाकर बैठक गया। उसने HRTC कंडक्टर पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए बताया कि शाम साढ़े 4 बजे बस रवाना होने के बाद उसे बस से निकलने को कहा गया। कंडक्टर और ड्राइवर दोनों ने उससे कहा कि हम कब तक तुम जैसे मुफ्त के लोगों को ढोते रहेंगे। चलो, निकलो और उसे बस से बाहर धकेल दिया।
नियमों के विरुद्ध बर्ताव
बस से धकेले जाने के बाद दिव्यांग ने छपराहान जाने के लिए दूसरी बस पकड़ी, लेकिन रात हो जाने के बाद वह समय पर घर नहीं पहुंच पाया और मजबूरन पंडोह में उसे रात गुजारनी पड़ी। पंडोह पहुंचकर उसने हिमाचल दिव्यांग कल्याण सभा के मुख्य महासचिव राधाकृष्ण वर्मा को अपनी आपबीती सुनाई।
मामले की जांच शुरु
वर्मा ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह अमानवीय व्यवहार है। इस परिचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और इस दिव्यांग को जो आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जानी चाहिए। HRTC के क्षेत्रीय प्रबंधक अखिल अग्निहोत्री ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है, जांच कराई जाएगी। यह बहुत गंभीर मामला है। सख्त कार्रवाई की जाएगी।