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शिमला। हिमाचल प्रदेश में फ्रॉड-धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब ताजा मामला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आया है। यहां ग्रामीण बैंक में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
ग्रामीण बैंक में धोखाधड़ी
दरअसल, ग्रामीण बैंक में एक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर लाखों रुपए का लोन ले लिया है। मामले की शिकायत हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक के सहायक महाप्रबंधक वीरेंद्र कुमार चौहान ने थाना न्यू शिमला में दर्ज करवाई है।
बैंक से लिया 6 लाख का लोन
शिकायतकर्ता ने बताया कि शिमला जिले के ठियोग में स्थित भलेच गांव के रहने वाले मुकेश कुमार ने साल 2017 में बैंक से 6 लाख रुपए का लोन लिया था। लोन के पैसे वापस करने की निर्धारित अंतिम तिथि के बाद भी मुकेश ने बैंक को पैसे वापस नहीं लौटाए। ऐसे में बैंक प्रबंधन की ओर से उसे कई बार नोटिस जारी किया गया। मगर मुकेश ने कोई जवाब नहीं दिया। इसी के चलते बैंक ने मुकेश द्वारा लोन लेने के समय जमा करवाए हुए दस्तावेजों की छानबीन की।
फर्जी दस्तावेज करवाए जमा
जांच में पाया गया कि मुकेश ने लोन लेने के लिए फर्जी राजस्व दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। इतनी नहीं मुकेश ने जिस व्यक्ति को गारंटर बनाया था- उसने भी राजस्व दस्तावेज झूठे जमा करवाए थे। आरोपी गारंटर की पहचान ठियोग के हलाई गांव के रहने वाले प्रेम सिंह के रूप में हुई है।
वहीं, पुलिस ने बैंक महाप्रबंधक की शिकायत के आधार पर BNS की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल) और 120B (आपराधित षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस टीम द्वारा मामले के हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है।