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शिमला। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में 39 करोड़ के लोन घोटाले में नया खुलासा हुआ है। आरोपी के डिफाल्टर होने के बाद भी स्पेशल बोर्ड ने 20 करोड़ का लोन मंजूर कर दिया। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के समय आरोपी युद्ध चंद बैंस ने मंडी में होटल निर्माण के लिए 11 करोड़ का कर्ज लिया। इसके अलावा और भी लोन लिए हैं। इनमें गड़बड़ी के आरोप लगे। आरोपी ने बैंक का पैसा वापस नहीं किया और मनाली में होटल बनाने का दूसरा प्रोजेक्ट बनाकर लोन के लिए कांग्रेस की ही सरकार में कांगड़ा बैंक को भेज दिया।
इस बीच सत्ता परिवर्तन हुआ और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। सरकार ने कांगड़ा बैंक का पुराना बोर्ड निरस्त कर स्पेशल बोर्ड गठित किया। इसी बोर्ड ने बैंस के दूसरे प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़ से ज्यादा की धनराशि जारी करने के लिए मंजूरी दे दी। मंजूरी से पहले बैंक के अधिकारी इस कर्ज को देने के पक्ष में नहीं थे। अभी धारक और बैंक अधिकारी ही जांच के दायरे में थे, लेकिन अब बोर्ड के तत्कालीन सदस्य भी कटघरे में आ गए हैं।
युद्ध चंद बैस को नोटिस जारी
विजिलेंस ने 20 करोड़ की लोन धोखाधड़ी मामले में आरोपी युद्ध चंद बैस को नोटिस जारी किया है। आरोपी विजिलेंस जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। बीते सोमवार को आरोपी को विजिलेंस ने शिमला कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं आया। आरोपी अंतरिम जमानत पर है। विजिलेंस हाईकोर्ट में आरोपी की जमानत रद्द करने की सिफारिश करेगी। विजिलेंस ने बैंक का रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। मामले की जांच चल रही है। बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
विजिलेंस का कहना है कि बैस कार्यालय में आने के लिए आनाकानी कर रहा है। कभी दिल्ली तो कभी जरूरी काम से बाहर होने की बात करता है। बता दें कि ऊना जिले के रहने वाले बैस पर अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर कांगड़ा बैंक से फर्जी तरीके से लोन लेने और धोखाधड़ी के मामले में विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज की है।