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हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में वीरवार को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक में बोर्ड के हजारों पदों को युक्तिकरण के तहत खत्म किया जा सकता है। राज्य बिजली बोर्ड की कर्मचारी यूनियन ने भी बिजली बोर्ड प्रबंधन से मांग की है कि इन पदों को खत्म करने से पहले बिजली बोर्ड की कर्मचारी यूनियन से बैठक की जाए ताकि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा और भविष्य को लेकर कोई खतरा महसूस ना हो।
सूत्र बताते हैं कि राज्य बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल में इस बार ऑपरेशन विंग के 2200 में से 1200 पदों को युक्तिकरण के तहत खत्म किया जा सकता है। इन पदों को खत्म करने के बाद भविष्य में इन पदों को नहीं भरा जाएगा, ऐसी ही स्थिति ट्रांसमिशन विंग में भी होगी।
ट्रांसमिशन विंग में लगभग 1200 कर्मचारी है, इनमें से भी आधे पदों को खत्म करने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव राज्य बिजली बोर्ड प्रबंधन की ओर से तैयार कर लिया गया है।
कर्मचारियों की यूनियन से बात की जाए
वीरवार को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक में इसे लाकर इसे मंजूर किया जाना प्रस्तावित है। राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के संयुक्त मोर्चे ने राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर मांग की है कि इस बिजली बोर्ड में लागू करने से पहले कर्मचारियों की यूनियन से बात की जाए।
इससे उनके साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मसले पर जब कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी तो उन्होंने साफ तौर पर कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि इस पर कोई भी काम करने से पहले उनसे चर्चा की जाएगी। लेकिन अब चर्चा नहीं की जा रही है।
प्रस्ताव को खत्म करने की अपील
इसके बावजूद बिजली बोर्ड प्रबंधन बिना किसी कर्मचारी की राय लिए बगैर ही इसे कर रहा है । इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। बिजली बोर्ड प्रबंधन के संयुक्त मोर्चे के समय इंजीनियर लोकेश ठाकुर और सह समन्वयक हीरालाल वर्मा ने बोर्ड प्रबंधन से मांग की है कि निदेशक मंडल में ले जाने की बजाय, इस प्रस्ताव को खत्म किया जाए। आम कर्मचारियों को राहत देने के लिए पहले कर्मचारियों की यूनियन के बैठक करें।