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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां पंचायत समिति की बैठक में लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक अधिकारी पर महज ₹5 का जुर्माना लगाया गया। यह जुर्माना उस अधिकारी पर लगाया गया है, जो पिछले 4 सालों से पंचायत समिति हमीरपुर की बैठकों में नहीं आ रहा था।
5 रूपए का लगा जुर्माना
बताते चलें कि पंचायत समिति की त्रैमासिक बैठक हमीरपुर के पंचायत समिति सभागार में आयोजित की गई थी। बैठक की अध्यक्षता BDC अध्यक्ष हरीश शर्मा और सर्वसम्मति ने यह निर्णय लिया गया कि टौणी देवी डिवीजन के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पर ₹5 का जुर्माना लगाया जाए।
4 सालों से अनुपस्थित अधिकारी पर कार्रवाई
BDC अध्यक्ष हरीश शर्मा ने बताया कि अधिकारी लगातार बैठक से नदारद रहते थे, जिससे कई विकास कार्य रुक गए थे। बार-बार चेतावनी देने के बावजूद जब अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए, अंततः यह कठोर निर्णय लिया गया। इस जुर्माने के बावजूद यह एक प्रतीकात्मक कार्रवाई मानी जा रही है, जिसका उद्देश्य अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना है।
बैठक में चर्चा और विकास कार्यों की रूपरेखा
बैठक के दौरान 15वें वित्त आयोग के बजट और विकास कार्यों के लिए नई रूपरेखा पर भी चर्चा की गई। पंचायत समिति के अन्य सदस्य और अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया, जिसमें ब्लॉक समिति उपाध्यक्ष संजीव शर्मा और BDC हिमांशी शर्मा भी मौजूद थे। उन्होंने इस निर्णय को विकास कार्यों की गति को सुनिश्चित करने और अधिकारियों की बैठक में उपस्थिति को अनिवार्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण बताया।
पंचायत समिति की अपील
पंचायत समिति ने इस घटना के बाद अन्य अधिकारियों से भी अपील की है कि वे नियमित रूप से पंचायत समिति की बैठकों में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें, ताकि विकास कार्यों में कोई विघ्न न आए। जुर्माना भले ही ₹5 का हो, लेकिन इसका उद्देश्य अधिकारियों को उनके कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है और यह संदेश देना है कि सरकार की योजनाओं और कार्यों में सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।