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शिमला। हिमाचल प्रदेश की लाइफ लाइन एचआटीसी (HRTC) को लेकर लगातार विवाद हो रहे हैं. अब ताजा मामला पथ परिवहन निगम के ड्राइवर से जुड़ा है, जिसने प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए अपनी जान दे दी।
मंडी जिले के धर्मपुर की इस घटना को लेकर अब विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. उधर, प्रबंधन की तरफ से भी जवाब आया है और कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद अब पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
चालक की मौत पर शिमला में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में सरकार और अधिकारियों के कामकाज की वजह से लोग और कर्मचारी जान देने तक मजबूर हो गए हैं. एचआरटीसी के एक चालक ने जान दी है. यह एक अधिकारी से जुड़ा मामला नहीं है. यह व्यवस्था परिवर्तन दिखाता है. पूर्व सीएम ने इस पूरे प्रकरण में अभी तक जो सामने आया है वह अत्यंत निंदनीय एवं शर्मनाक है. अधिकारियों की ओर से इस प्रकार का उत्पीड़न किसी भी सूरते हाल में बर्दाश्त नहीं है. ऐसे में इस मामले की जांच निष्पक्षता के साथ की जानी अत्यंत आवश्यक है. हम सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए जल्दी से जल्दी जांच की जाए।
इस मामले पर एचआरटीसी के एमडी रोहन चंद ठाकुर ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच अधिकारी DM मंडी विनोद कुमार को लगाया गया है। 7 दिन के भीतर जांच की रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए है। उन्होंने कहा कि धर्मपुर डिपो के एक कर्मचारी के वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है. पूरा एचआरटीसी प्रबंधन कर्मचारी के परिवार के साथ खड़ा है. उन्होंने कहा कि वीडियो में कर्मचारी अपनी मौत से पहले स्थानीय इकाई प्रबंधन के खिलाफ आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में तुरंत मंडी के डिवीजनल मैनेजर को जांच के लिए आदेश दिए गए हैं. उन्होंने मीडिया और लोगों से अनुरोध किया कि जांच से पहले किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से बचें।