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राजधानी शिमला में अब सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल के लिए महिला और पुरुष दोनों को पांच रुपये का शुल्क चुकाना होगा। नगर निगम नए साल से शहर के 30 सार्वजनिक शौचालयों में शुल्क वसूली की व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। यह कदम शिमला को प्रदेश का पहला शहर बना देगा, जहां सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल शुल्क से होगा।
शिमला के कारोबारी भी इस व्यवस्था के दायरे में आएंगे। वे 150 रुपये का मासिक शुल्क देकर नगर निगम से पास बनवा सकते हैं। यह पास दिखाकर कारोबारी और उनके सेल्समैन महीने भर तक सार्वजनिक शौचालय का उपयोग कर सकेंगे। इस प्रस्ताव को महापौर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में सोमवार को हुई नगर निगम की मासिक बैठक में मंजूरी दी गई। बैठक में कांग्रेस पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।
नगर निगम के अनुसार, शहर में वर्तमान में 130 सार्वजनिक शौचालय हैं, जिनमें से अधिकांश पर कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा था। कुछ दिन पहले, प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर नगर निगम ने महिलाओं के लिए यूरिनल की सुविधा निशुल्क कर दी थी, लेकिन फिर भी महिलाओं से शुल्क लिया जा रहा था। शहर में सुलभ इंटरनेशनल सार्वजनिक शौचालयों का संचालन कर रही है और इसके बदले निगम को हर महीने 2.44 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता है। निगम प्रशासन का कहना है कि इन शौचालयों के संचालन और उनके बेहतर रखरखाव के लिए अब शुल्क लिया जाएगा। बैठक में उप महापौर उमा कौशल भी उपस्थित थीं।
नगर निगम के अनुसार, शहर में वर्तमान में 130 सार्वजनिक शौचालय हैं, जिनमें से अधिकांश पर कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा था। कुछ दिन पहले, प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर नगर निगम ने महिलाओं के लिए यूरिनल की सुविधा निशुल्क कर दी थी, लेकिन फिर भी महिलाओं से शुल्क लिया जा रहा था। शहर में सुलभ इंटरनेशनल सार्वजनिक शौचालयों का संचालन कर रही है और इसके बदले निगम को हर महीने 2.44 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता है। निगम प्रशासन का कहना है कि इन शौचालयों के संचालन और उनके बेहतर रखरखाव के लिए अब शुल्क लिया जाएगा। बैठक में उप महापौर उमा कौशल भी उपस्थित थीं।