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शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में नगर निगम ने सार्वजनिक शौचालयों में पुरुषों से पांच रुपये यूरिन शुल्क लेने के फैसले को वापस ले लिया है। सार्वजनिक शौचालयों में पुरुषों से यूरिन शुल्क लेने के फैसले पर खासा बवाल मच गया था और नगर निगम की फजीहत हो रही थी, जिसके बाद नगर निगम के मेयर ने शुल्क ना लेने की बात कही।
सार्वजनिक शौचालय में शुल्क नहीं वसूला जाएगा'
नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि नगर निगम किसी भी तरह का सार्वजनिक शौचालय में शुल्क नहीं वसूला जाएगा। शहर में सार्वजनिक शौचालय का रखरखाव सुलभ इंटरनेशनल द्वारा किया जाता है और नगर निगम इसके एवज में उन्हें हर माह 2 लाख 44 हजार देता है।
महिलाओं से नहीं लिया जा रहा कोई यूरिन शुल्क
सुलभ इंटरनेशनल द्वारा हाई कोर्ट में शुल्क को लेकर याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई हो रही है, लेकिन नगर निगम अपनी ओर से यह पक्ष कोर्ट में रखने जा रहा है कि सार्वजनिक शौचालय में किसी से कोई भी शुल्क न लिया जाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं से भी यूरिन का शुल्क नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में पुरुषों को भी कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक शौचालय से जो भी आय होती है वह नगर निगम को नहीं मिलती है, यह केवल सुलभ इंटरनेशनल ही रखता है और नगर निगम हर साल शहर में शौचालयों के रखरखाव को लेकर एक साल तक का टेंडर करता है। शहर में सार्वजनिक शौचालय में शुल्क लेने को लेकर नगर निगम का कोई भी ऐसा प्रस्ताव नहीं था यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है जिसको देखते हुए मासिक बैठक में इसको लेकर चर्चा जरूर की गई, लेकिन नगर निगम की कोई भी ऐसी मंशा नहीं है कि शहर के लोगों से सार्वजनिक शौचालय में शुल्क वसूला जाए।