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बिलासपुर के उपमंडल घुमारवीं की ग्राम पंचायत मेहड़वी के प्रधान और उपप्रधान को उनके आपसी विवाद और विकास कार्यों में लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया है। उपायुक्त बिलासपुर, आबिद हुसैन सादिक ने यह कार्रवाई पंचायतों के सही संचालन और जनहित के कार्यों में सुधार लाने के उद्देश्य से की है।
DC आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि पंचायत में लंबे समय से प्रधान और उपप्रधान के बीच विवाद चल रहा था, जिसके चलते कोई प्रस्ताव पारित नहीं हो पा रहा था। इसके परिणामस्वरूप बिजली, पानी, और अन्य बुनियादी सुविधाओं के कार्य ठप हो गए थे। पंचायत सदस्यों द्वारा भी इस स्थिति को लेकर बार-बार शिकायतें की गई थीं।
1. विवाद का असर: पंचायत में कोरम पूरा न होने और प्रस्ताव पारित न हो पाने के कारण बिजली और पानी जैसी बुनियादी सेवाएं प्रभावित हुईं।
2. आदेश के बावजूद कार्यशैली में सुधार नहीं: प्रधान और उपप्रधान को पहले चेतावनी दी गई थी, लेकिन सुधार न होने के कारण यह कठोर कदम उठाना पड़ा।
3. बिजली विभाग ने कार्रवाई की: लंबित बिलों के चलते बिजली विभाग ने बिजली आपूर्ति रोक दी, जिससे स्थानीय जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा।
4. नियमों का उल्लंघन: हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत ग्राम पंचायतों के कार्यों में लापरवाही और जनहित में बाधा उत्पन्न करने पर प्रधान और उपप्रधान के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि पंचायतों के विकास कार्यों में बाधा डालने वाले किसी भी जनप्रतिनिधि को बख्शा नहीं जाएगा। यह कदम पारदर्शिता और जनहित के कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है। इस निलंबन के बाद प्रशासन ने पंचायत के अन्य सदस्यों और बीडीओ को निर्देश दिया है कि विकास कार्यों को पुनः सुचारू रूप से शुरू किया जाए।