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मंडी. दो दिन पहले ही दारोगा साहब ने एक व्यक्ति की ईमानदारी को लेकर उसकी पीठ थपथपाई. हालांकि, बाद में अपना ईमान बेच डाला और रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए. अपने घर पर ही रिश्वत लेने के लिए बुलाया था. मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का है. इस मामले ने मंडी पुलिस को शर्मसार कर दिया है.
जानकारी के अनुसार, मंडी जिले के पुलिस थाना पधर के एसएचओ अशोक कुमार ने सिर्फ 15 हजार रुपये में अपने जमीर की बोली लगा डाली. रिश्वत कांड में उनके साथ थाने के एचएएसआई (HASI) अश्वनी कुमार भी शामिल रहे और दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. यहां पर विजिलेंस टीम ने मंगलवार को उन्हें कोर्ट में में पेश किया और तीन दिन के रिमांड पर लिया है.
दरअसल, दोनों पर आरोप है कि इन्होंने गवाली गांव के वीरेंद्र कुमार से लड़ाई-झगड़े के एक मामले की सेटल करवाने की एवज में 15 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी. वीरेंद्र कुमार ने मामले की शिकायत विजिलेंस को दी और विजिलेंस ने जाल बिछाकर एसएचओ और एचएएसआई को रंगे हाथों दबोच लिया. विजिलेंस अब इनकी सारी डिटेल भी खंगाल रही है और इनके बैंक खातों की जांच भी की जाएगी. यह पता लगाने की कोशिश भी रहेगी कि इनकी अन्य किन किन मामलों में संलिप्तता है. डीएसपी विजिलेंस प्रियंक गुप्ता ने बताया कि नियमों के तहत सारी कार्रवाई अम्ल में लाई जा रही है.
दो दिन पहले ही बजाया था ईमानदार को ढोल
रिश्वत कांड से दो दिन पहले बतौर थाना प्रभारी अशोक कुमार ने ब्रेस्तू राम की पीठ थपथपाई थी. यहां पर कांगड़ा जिला की एक महिला मंडी के पधर के कोटरोपी के पास अपना बैग भूल गई थी. इस बैग में एक लाख रुपये कैश और जरूरी कागजात थे. यह बैग ब्रेस्तू राम नाम के शख्स को मिला था. ब्रेस्तू राम ने इमानदारी दिखाते हुए पैसों से भरे बैग को पुलिस को सौंप दिया था और फिर पुलिस ने बैग के मौजूद कागजों के आधार पर महिला को ढूंढकर उसे पैसे और बैग लौटा दिया. यह सारी प्रक्रिया एसएचओ अशोक कुमार की मौजूदगी में ही होती है.
इसके लिए अशोक कुमार ब्रेस्तू राम की ईमानदारी में कसीदे गढ़ते हुए उसकी पीठ थपथपाते हैं. हालांकि, अब इस घटना के दो दिन बाद खुद अशोक कुमार 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए हैं.