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हिमाचल प्रदेश में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने यहां कांग्रेस नेता समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। कुछ महीने पहले ईडी ने अवैध खनन के आरोप में कांगड़ा में भी छापेमारी की थी और अब ईडी ने अवैध खनन के आरोप में ज्ञान चंद और संजय धीमान नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में से एक कांग्रेस जिला कमेटी का सदस्य भी है।
जानकारी के मुताबिक ज्ञान चंद हिमाचल प्रदेश के एक वरिष्ठ राजनेता का बेहद करीबी और जानकार है। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों के हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक गलियारों से भी संबंध हैं। ईडी सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में ईडी और आयकर विभाग को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि ये दोनों करोड़ों रुपये के घोटाले में शामिल हैं।
तीन जगहों पर की गई छापेमारी
हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बीच 4 जुलाई को ईडी की टीम ने कांगड़ा के ज्वाली, हमीरपुर के नैदून में भी स्टोन क्रशर संचालकों के यहां छापेमारी की थी। इस दौरान पानी का बहाव बढ़ने से ज्वाली में खड्ड के बीच बने क्रशर में टीम फंस गई। बाद में जेसीबी की मदद से सभी को बाहर निकाला गया। यह छापेमारी 15 घंटे तक जारी रही।
कांग्रेस पार्टी का नेता है ज्ञान चंद
आरोपी ज्ञान चंद हिमाचल प्रदेश की जिला कांग्रेस कमेटी का सदस्य भी है। वहीं, अब मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इन आरोपियों के राजनीतिक आकाओं को भी जल्द ही पूछताछ के लिए समन भेजा जा सकता है। जांच एजेंसी के सूत्र के अनुसार गिरफ्तार आरोपी ज्ञान चंद और संजय धीमान के खिलाफ पिछले कुछ समय से लगातार जांच की जा रही थी। जांच में पता चला कि हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग से कमाए गए करोड़ों रुपये अलग-अलग बैंक खातों और कारोबार में निवेश किए गए थे।
करीब आठ करोड़ रुपये की जानकारी मिली है और इस पैसे से अलग-अलग जगहों पर संपत्ति खरीदी गई है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि कुछ समय पहले ज्ञान चंद और उनके परिवार के कुछ सदस्यों की कंपनी को राज्य सरकार से सड़क निर्माण का टेंडर मिला था, जिसे शेल कंपनियों के जरिए धोखाधड़ी करके हासिल किया गया था।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में किया गया निवेश
जांच एजेंसी के सूत्र के अनुसार पिछले कुछ महीनों से हिमाचल में अवैध खनन से जुड़े मामले में ईडी की जांच चल रही थी। जांच एजेंसी ईडी की जांच में पता चला है कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित एक क्रशर मशीन और उससे जुड़े काम में करोड़ों रुपये का निवेश किया गया था। जांच के दौरान यह भी पता चला कि यमुना और ब्यास नदी के आसपास काफी अवैध खनन किया जा रहा था। जांच एजेंसी ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उत्तर प्रदेश के खनन मंत्रालय को पत्र लिखकर यह भी पूछा था कि क्या खनन विभाग को इस मामले की जानकारी है?
यूपी में दर्ज हुआ था मामला
मामले की गंभीरता को देखते हुए खनन विभाग ने 7 नवंबर 2024 को एफआईआर दर्ज की थी और फिर ईडी ने उस केस को अपने हाथ में लेकर हिमाचल के केस से जोड़ दिया था। अब आरोपी को गिरफ्तारी के बाद गाजियाबाद कोर्ट में पेश किया गया। जांच में पता चला है कि हिमाचल के कांगड़ा में मैसर्स मां ज्वाला स्टोन क्रशर नाम की कंपनी ज्ञान चंद के नाम पर है और कंपनी अवैध रूप से खनन लाइसेंस क्षेत्र से बाहर जाकर खनन कर रही थी। खनन सामग्री को बड़ी मात्रा में नकद में बेचा जा रहा था और इसका कहीं कोई हिसाब-किताब नहीं है।