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मंडी। आज हिमाचल प्रदेश सरकार भले ही डिजिटलीकरण के कितने बड़े दावे कर ले, लेकिन धरातल पर सच्चाई दावों के एकदम विपरित है। जहां आज हिमाचल पथ परिवहन निगम 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। वही आज 50 साल बाद भी वो सुधार देखने को नहीं मिल रहा जिसकी प्रदेश का हर व्यक्ति आशा करता है।
ऐसा ही मामला पिछले कल देखने को मिला। जब एचआरटीसी बस में ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) के चक्कर में कई लोग परेशान होते नजर आए। जानकारी के मुताबिक एक एचआरटीसी बस (HRTC Bus) में सफर करते समय यात्रियों को मजबूरन ऑफलाइन पेमेंट करके टिकट लेने पड़े। क्योंकि सर्वर डाउन होने की वजह से टिकटिंग मशीन सही से काम नहीं कर रही थी।
बस में सफर कर रहे राइट फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने बताया कि वह कल सुबह चैल चौक से बग्गी के लिए निकले और उन्होंने एचआरटीसी बस ली। रास्ते में जब टिकट बनाने की बारी आई तो उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट करने को कहा। बस का कंडक्टर 15 से 20 मिनट परेशान रहा। क्योंकि मशीन सर्वर से कनेक्ट ही नहीं कर पा रही थी और बार बार एरर मैसेज दिखा रही थी। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण समाधान की जगह समस्या बन गया है। जिसमें तत्काल सुधार करने की जरूरत है।
जिसके चलते उनको ऑफलाइन पेमेंट करनी पड़ी। इतना ही नहीं इस मामले में कई अन्य सवारियों ने भी आपत्ति दर्ज़ की। उन्होंने कहा कि ऐसा डिजिटलीकरण किस काम का जब वह समय पर काम ना आए।