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शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड ने आउटसोर्स पर नियुक्त 81 चालकों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। राज्य इलेक्ट्राॅनिक्स कारपोरेशन को 1 नवंबर से चालकों की सेवाएं नहीं लेने का बोर्ड प्रबंधन को पत्र भेज दिया है। 15 वर्ष से ज्यादा पुराने वाहनों का अब उपयोग नहीं करने का भी बोर्ड ने यह फैसला लिया है।
बोर्ड की कार्यकारी निदेशक कार्मिक ईशा की ओर से कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को जारी पत्र में कहा गया है कि सोलन, शिमला, सिरमौर के 12, कांगड़ा-डलहौजी में 22, मंडी-कुल्लू में 17, हमीरपुर-ऊना-बिलासपुर में 16, भावानगर में 10 और दो कार्यालयों में कार्यरत चार चालकों की अब बोर्ड को आवश्यकता नहीं है।
ऐसे में इन सरप्लस चालकों का 1 नवंबर से बोर्ड की ओर से वेतन नहीं दिया जाएगा। बोर्ड के इस फैसले सहित कुछ श्रेणियों के पद समाप्त किए जाने के निर्णय का कर्मचारी यूनियनें विरोध कर रही हैं। मंगलवार को भी बोर्ड के इंजीनियरों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा ने वर्क टू रूल के तहत सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक ही सेवाएं दीं। शाम को 6:00 बजे से सुबह 9:00 बजे तक विरोध स्वरूप काम नहीं करने का फैसला लिया है।
सीएम से मिले बाेर्ड कर्मी
बिजली बोर्ड के इंजीनियरों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री युखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात की। कर्मचारियों ने सीएम से मांग की कि बोर्ड में कई पद समाप्त करने के फैसले को वापस लें। उधर, बोर्ड को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी की बुधवार को होने वाली बैठक से मोर्चा को कई उम्मीदें हैं। इसमें बोर्ड को घाटे से उबारने के लिए कई फैसले लिए जा सकते हैं।