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शिमला। इलैक्ट्रिक बसों के लिए सोमवार को टेंडर बिड खुल गया है। इस बार भी उन्हीं दो कंपनियों में टेंडर में हिस्सा लिया, जो पहले दो बार सामने आ चुकी हैं। एचआरटीसी इसमें प्रतिस्पर्धा चाहता था, जो नहीं हो रही है। ऐसे में अब माना जा रहा है कि इन्हीं दो कंपनियों में से किसी एक को काम सौंपा जाएगा, जिनके दस्तावेजों का मूल्यांकन शुरू हो गया है। इनके मूल्यांकन के बाद तय किया जाएगा कि काम किसे सौंपा जाएगा।
एचआरटीसी को 100 इलेक्ट्रिक बसें चाहिएं, लेकिन इन बसों को तैयार करने वाली कंपनियां रुझान नहीं दिखा रही हैं। सोमवार को टेंडर बिड को ओपन किया गया है और इनके द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों का मूल्यांकन चल रहा है।
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि जल्दी ही कंपनी को काम सौंप दिया जाएगा। एक बस एक करोड़ रुपए में मिलेगी और कुल 100 बसें यहां पर खरीदी जानी हैं।
इनके लिए बजट पहले ही मंजूर हो चुका है, मगर जिन कंपनियों को बसें बनानी हैं, वे आगे नहीं आ रही हैं। दो कंपनियों ने शुरुआत से लेकर अभी तक बिड भरी है, अब देखना होगा कि किस कंपनी को यह काम सौंपा जाएगा। परिवहन निगम को एक साल में ये बसें मिलनी हैं, मगर अभी तक काम टेंडर की प्रक्रिया से ही आगे नहीं बढ़ पाया है। अब टेंडर हो चुका है, तो देखना होगा कि नियम व शर्तें भी क्या निर्धारित की गई हैं। इन बसों के आने के बाद प्रदेश के लगभग सभी शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।