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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (High Court) ने दि गोविंद सागर जल परिवहन समिति बिलासपुर को बड़ी राहत दी है। इस फैंसले से बिलासपुर के तीन विधानसभा क्षेत्र के मोटरबोट संचालक लाभान्वित होंगे। जिसमें सदर, झंडूता और श्री नैना देवी जी शामिल है। प्रशासन की तरफ से हाईकोर्ट में लिखित आश्वासन के बाद उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया है।
आपको बता दें कि बिलासपुर प्रशासन ने टेंडर आमंत्रित करके बाहरी कंपनी को गोविंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट गतिविधियों का काम दे दिया जिसके कारण पुश्त दर पुश्त काम कर रहे मोटरबोट संचालकों का रोजगार छीनने का खतरा मंडरा गया है।
दि गोविंद सागर जल परिवहन समिति ने टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के अध्यक्ष रजनीश शर्मा (Rajneesh Sharma) से मिलकर इस मामले में कुछ दिन पहले बिलासपुर के परिधि ग्रह में प्रेस वार्ता भी की थी जिसमें बिलासपुर प्रशासन पर मनमाने रवैया से मोटरबोट संचालकों का रोजगार छीनने और टेंडर से बाहर करने के आरोप लगाए गए थे। रजनीश शर्मा ने 15 दिन के भीतर टेंडर रद्द करने की मांग थी।
इस मामले में हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय में दि गोविंद सागर जल परिवहन समिति ने जनहित याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान सरकार और बिलासपुर प्रशासन को लिखित हलफनामा देने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए थे। लिखित हालानामे में बताया गया है की स्थानीय लोगों को कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। जिसमें बिलासपुर प्रशासन के लिखित आश्वासन पर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया है।