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शिमला। डीए व एरियर को लेकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सरकार से जल्द डीए व एरियर की मांग कर रहे हैं। वहीं मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारी नेताओं को उल्टी-सीधी बयान बाजी न करने की नसीहत दी है। राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों को कहा कि उन्हें जो वित्तीय लाभ अभी भी मिल रहे हैं, वह आगे भी मिलते रहें तो उसके लिए उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना पड़ेगा।
राजेश धर्माणी ने कहा कि पूर्व सरकार ने प्रदेश को कर्ज के नीचे डुबो दिया है और कर्ज को उतारने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। हिमाचल को आर्थिक संकट से उभारने के लिए कर्मचारी व विपक्ष को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो कर्मचारी को लाभ मिल रहे हैं, अगर वह चाहते हैं कि वह मिलते रहें तो उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना पड़ेगा। अगर वह चाहते हैं कि उन पर भी कटौती लगे तो आने वाले दिनों में उसका सामना भी करना पड़ सकता है क्योंकि हर चीज पैसे से जुड़ी हुई है। सरकार के पास कोई नोट छापने वाली मशीन तो नहीं है। कर्मचारी नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए उल्टी-सीधी बयानबाजी न करें, ताकि जिस जिम्मेदारी से सरकार संसाधन बढ़ाने में लगी है, वह भी निभाए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से पहले भी अनुरोध किया है कि डीए तभी मिल पाएगा, जब सरकार की वित्तीय स्थिति अच्छी रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पिछली सरकारों के पास एक विकल्प था कि वह ज्यादा से ज्यादा लोन ले सकते थे, लेकिन वर्तमान सरकार के पास वह विकल्प नहीं है। सरकार की लोन की लिमिट 6000 करोड़ की है। इससे ज्यादा लोन नहीं लिया जा सकता है। इसलिए सरकार अपने संसाधन जुटाने के प्रयास कर रही है।
पूर्व की सरकार ने संसाधन जुटाने का प्रयास नहीं किया बल्कि उन्हें लुटाने का प्रयास किया है। वहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा सरकार पर फिजूलखर्ची को लेकर राजेश धर्माणी ने कहा कि उनके कार्यकाल में कितना खर्चा हुआ है, बेहतर रहेगा कि वह मानसून सत्र में इसको सभा पटल में रखें और उन्हें साथ-साथ जवाब भी दिया जाएगा।