सरकारी कार्यक्रमों या फिर राजनीतिक दलों की रैलियों में एचआरटीसी बसों का इस्तेमाल करने के लिए एडवांस में पैसा देना होगा। एचआरटीसी उधार में बसें नहीं भेजेगा। इससे पहले 50 फीसदी की एडवांस राशि वसूल की जाएगी। निगम को इससे पहले काफी चपत लग चुकी है ।
राजनीतिक दल हो या फिर सरकारी विभाग और बोर्ड निगम सभी के लिए यह नियम लागू होंगे। बसें किस दिन चाहिए, कुल कितना किलोमीटर यह चलेगी इसका पूरा किराया जोड़ा जाएगा। कुल राशि का 50 प्रतिशत पहले निगम के पास जमा करवाना होगा। उसके बाद ही निगम अपनी बसों को कार्यक्रमों के लिए भेजेगा। अभी भी निगम का पैसा फंसा हुआ है, जो उसे नहीं मिल पाया है।
पूर्व भाजपा सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम मनाया था। प्रदेशभर में इसको लेकर कार्यक्रम आयोजित हुए। कार्यक्रम में लोगों को लाने ले जाने के लिए एचआरटीसी बसों को लिया था मगर अब तक पेंमेंट नहीं हुई। बसों के किराए की अदायगी आठ करोड़ है। वहीं, वर्तमान कांग्रेस सरकार ने एक साल के जश्न का कार्यक्रम धर्मशाला में किया। इसका किराया भी चार करोड़ है, जो अभी तक नहीं आया है। चुनाव आयोग का किराया 11.50 करोड़ बना था। हालांकि यह राशि चरणबद्ध तरीके से आ रही है।
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने सभी मंडलीय प्रबंधकों को सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा है कि जब भी इस तरह से बसों की बुकिंग आए, तो 50 प्रतिशत राशि एडवांस में ले ली जाए। बिना एडवांस बुकिंग के निगम की बस को नहीं भेजने को कहा गया है।