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हिमाचल में लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष करने संबंधी संशोधन विधयेक सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। सदन से विधेयक के पारित होने के बाद अब इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल के स्तर पर विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में लड़कियों के विवाह की आयु 18 वर्ष से बढ़कर 21 वर्ष हो जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. धनीराम शांडिल ने बाल विवाह प्रतिषेध (हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक, 2024) प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से लड़कियों को आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। प्रदेश में अभी भी कुछ लोग छोटी आयु में शादी करते हैं, जिससे उनको उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध नहीं हो पाते। इसके अलावा कम उम्र में शादी से महिलाएं कुपोषण का शिकार भी हो जाती हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
स्वीकृत विधेयकों की प्रति सभा पटल पर रखी
विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने राज्यपाल की तरफ से स्वीकृत विधेयकों की प्रतियां सभा पटल पर रखीं। राज्यपाल की तरफ से 5 विधेयक स्वीकृत किए गए हैं जिनको सभा पटल पर रखा गया।
नए विधायकों का सदन से परिचय करवाया
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 2 उपचुनाव में नए चुनकर आए 9 विधायकों का परिचय सदन से करवाया। इसमें सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, आशीष शर्मा, राकेश कालिया, कमलेश ठाकुर, कैप्टन रणजीत सिंह, अनुराधा राणा, बावा हरदीप सिंह और विवेक शर्मा शामिल हैं। हालांकि परिचय के समय निर्वाचित होने वाले कुछ विधायक सदन में मौजूद नहीं थे जिसमें मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर भी शामिल हैं।
विपक्ष में पहली पंक्ति पर बैठे सुधीर शर्मा, सुक्खू ने मिलाया हाथ
कांग्रेस के बाद भाजपा टिकट पर चुनाव जीते पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा विपक्ष की पहली पंक्ति में नजर आए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी सदन में प्रवेश करने के दौरान पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर तथा उसके बाद सुधीर शर्मा सहित अन्य विधायकों से हाथ मिलाया। इस तरह 9 उपचुनाव के बाद पक्ष और विपक्ष में सिटिंग प्लान बदल गया।